14 से 18 सितम्बर तक मौसम विभाग ने दी भारी बारिश की चेतावनी

मुंबई- राज्य में मौसम लगातार बदल रहा है । कहीं बारिश हो रही है तो कहीं सूखा पड़ रहा है। इस बीच, राज्य के अधिकांश हिस्सों में पिछले चार-पांच दिनों से मौसम शुष्क बना हुआ है। इस बीच, मौसम विशेषज्ञ पंजाबराव दख ने अगले हफ्ते राज्य के मौसम के बारे में जानकारी दी है। आइए जानते हैं विस्तृत जानकारी।उत्तर महाराष्ट्र के नासिक , धुले, जलगांव और नंदुरबार जिलों में 13 सितंबर तक अच्छी धूप खिली रहेगी। इसके बाद, पंजाबराव दख ने भविष्यवाणी की है कि 14 से 18 सितंबर के बीच भारी बारिश होगी। 

पश्चिमी महाराष्ट्र और मराठवाड़ा

पंजाबराव दखन ने भविष्यवाणी की है कि 13 से 18 सितंबर के बीच पश्चिमी महाराष्ट्र के सोलापुर , सांगली, सतारा, पुणे, अहमदनगर, लातूर, नांदेड़, परभणी, बीड , हिंगोली, यवतमाल और मराठवाड़ा जिलों में भारी बारिश होगी । इससे नदियों का जलस्तर बढ़ सकता है, बांधों से पानी छोड़ा जा सकता है और बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। सोयाबीन और उड़द की कटाई के साथ-साथ नए ज्वार की बुवाई करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए।

मराठवाड़ा के नांदेड़, उमरखेड़, किनवट इलाकों में आज रात (9 सितंबर) से ही बारिश शुरू हो जाएगी। 10, 11, 12 सितंबर को बारिश तेज़ होगी। 13 से 18 सितंबर के बीच बारिश बहुत तेज़ होगी। 

विदर्भ 

विदर्भ के चंद्रपुर , गढ़चिरौली, वर्धा, नागपुर , भंडारा, गोंदिया, अमरावती , अकोला , वाशिम, बुलढाणा , जालना जिलों में 12 सितंबर से बारिश शुरू होगी और 14 से 18 तारीख के बीच भारी बारिश होगी। 

कोंकण और मुंबई 

कोल्हापुर, सांगली , सतारा , पुणे , कोंकण, मुंबई, पालघर, ठाणे में 13 से 18 सितंबर के बीच भारी बारिश होने की संभावना है। मुंबई के कुछ हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है। कोल्हापुर के पास नदियों का जलस्तर 37 से 43 फीट तक बढ़ सकता है। अहमदनगर , संभाजीनगर, जालना, जो अब तक सूखे रहे हैं, में 13 से 18 सितंबर के बीच अच्छी बारिश होने की संभावना है, जिससे नदियाँ और झीलें भर जाएँगी। इससे

 नदी का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न होने की संभावना है।

पश्चिमी महाराष्ट्र के बांध पहले से ही लबालब भरे हुए हैं, इसलिए इस बारिश के कारण उनसे पानी छोड़ना ज़रूरी हो सकता है। इससे निचले इलाकों में नदियों का जलस्तर बढ़ने और बाढ़ जैसे हालात पैदा होने की संभावना है। लातूर के मंजारा बांध और पुणे के उजानी बांध से पानी छोड़ना पड़ सकता है। सभी किसानों को इस पूर्वानुमान पर ध्यान देना चाहिए और अपने खेतों की योजना इसी के अनुसार बनानी चाहिए। खास तौर पर ज्वार की बुवाई 18 सितंबर के बाद ही करनी चाहिए। जल परिवहन मार्ग और नदी किनारे रहने वाले लोगों से सतर्क रहने की अपील की गई है। 

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