देश के कई राज्यों में इस वक्त प्रचंड गर्मी पड़ रही है। पारा 40 डिग्री के पार पहुंच गया है। यूं तो गर्म हवाएं और बढ़ा हुआ तापमान हर उम्र के लोगों के लिए परेशानी का सबब बन सकता है, लेकिन कुछ लोगों को इस गर्म मौसम में बीमारियों का खतरा अधिक रहता है। यह आपकी उम्र, जेंडर, हेल्थ कंडीशन और काम की परिस्थितियों पर निर्भर करता है।अपनी विशिष्ट जरूरतों के मुताबिक कुछ लोगों को खास सावधानी बरतने की जरूरत होती है, जिससे इस भीषण गर्मी और लू के प्रकोप से बचा जा सके।
हीटवेव से बच्चों को होनेवाली समस्याएं साथही बचाव
बच्चों का शरीर नाजुक होता है और उनकी इम्यूनिटी भी कमजोर होती है। एक वयस्क के मुकाबले बच्चे का शरीर बदलते मौसम को एडॉप्ट करने और भीषण गर्मी में सामान्य तापमान बनाए रखने में कम सक्षम होता है।यही कारण है कि बच्चों को लू जल्दी लगती है। हीट वेव की चपेट में आने से उन्हें बुखार, डायरिया और डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है। उन्हें बुखार आने या इंफेक्शन होने का भी डर रहता है। कई बार डिहाइड्रेशन गंभीर न होने पर भी पानी की कमी से बच्चे को कमजोरी, चिड़चिड़ाहट या पढ़ाई पर फोकस करने में परेशानी हो सकती है।
बच्चे अपने दिन का एक बड़ा हिस्सा स्कूल या बाहर खेल-कूद में बिताते हैं। ऐसे में हीटवेव की चपेट में आने का खतरा उन्हें ज्यादा रहता है।इसके अलावा बच्चों को एडल्ट की तुलना में कम पसीना आता है। साथ ही उनका मेटाबॉलिज्म ज्यादा सक्रिय होता है। यही वजह है कि हीटवेव से बड़ों की तुलना में बच्चों का शरीर जल्दी गर्म हो सकता है।
- जितना हो सके बच्चों को धूप से दूर रखें।
- दोपहर के समय बच्चों को बाहर न निकलने दें।
- खेलकूद के लिए सुबह और शाम का समय निर्धारित करें।
- बच्चे को कोल्ड ड्रिंक्स की बजाय नींबू पानी, ORS का घोल या मौसमी फलों का ताजा जूस पिलाएं। इससे शरीर हाइड्रेटेड रहेगा।
- ढीले और हल्के कपड़े पहनाएं। कपड़े सूती होने चाहिए।
- अगर बच्चा स्कूल जाता है तो उसके साथ पानी की बोतल जरूर रखें।
- बच्चे को टिफिन में हल्का खाना दें। पराठे, सैंडविच या स्पाइसी फूड देने से बचें।
- सनस्क्रीन लगाकर ही बच्चे को स्कूल के लिए भेजें।
- स्कूल से वापस आने पर तुरंत ठंडे एसी कमरे में न बैठने दें।
- फ्रिज के ठंडे पानी की जगह बच्चे को मटके का ठंडा पानी पिलाएं।
- बच्चे में हीट वेव का कोई भी लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- बच्चों को हीट वेव के खतरों के बारे में समझाएं और आपकी अनुपस्थिति में भी सावधानी बरतने के लिए आगाह करें।
बुजुर्गों को समस्याएं और बचाव
बुजुर्गों को हीट वेव की चपेट में आने का खतरा इसलिए ज्यादा रहता है क्योंकि उम्र बढ़ने के साथ वे कई तरह की बीमारियों से जूझ रहे होते हैं। उन्हें हार्ट कंडीशन, डायबिटीज या हाई बीपी की समस्या हो सकती है। उनका इम्यून सिस्टम जवान व्यक्ति के मुकाबले कमजोर होता है।ऐसे में हीट वेव की चपेट में आने से बुजुर्ग हाइपरथर्मिया का शिकार हो सकते हैं। हाइपरथर्मिया के कुछ लक्षण इस प्रकार हैं-
- हीट स्ट्रोक
- हीट एडिमा (टखनों और हाथों में सूजन)
- मांसपेशियों में ऐंठन
- थकावट, कमजोरी
- चक्कर आना, सिर घूमना
- अगर स्थिति गंभीर हो जाए तो व्यक्ति कोमा में भी जा सकता है।
अत्यधिक गर्मी और हीट वेव से बचने के लिए बुजुर्गों को कुछ विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए। जैसे कि-
- जितना हो सके, घर में रहें। साथ ही कूलर, पंखा या AC हमेशा ऑन रखें।
- ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं। इसके लिए प्यास लगने का इंतजार न करें।
- बहुत ज्यादा वजन उठाने या मेहनत के काम करने से बचें।
- बाहर जाते समय सिर को टोपी या गमछे से ढंककर रखें।
- धूप का चश्मा और छाता भी साथ रखें।
- खाली पेट बाहर न जाएं। धूप में निकलने से पहले सत्तू का घोल पिएं या कच्ची प्याज खाकर निकलें।
गर्भवती महिलाओं को भीषण गर्मी से होनेवाला नुकसान और बचने का उपाय
अगर एक प्रेग्नेंट महिला के शरीर का तापमान 39°C (102.2°F) से अधिक हो जाए तो गर्मी की वजह से थकावट, हीट स्ट्रोक या डिहाइड्रेशन का शिकार होने का खतरा बढ़ जाता है, जो मां और बच्चे दोनों के लिए अच्छा नहीं है।आम लोगों के मुकाबले गर्भवती महिलाओं को थकावट या हीट स्ट्रोक जल्द होने की आशंका रहती है क्योंकि उनके शरीर को ठंडा रहने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है।इसलिए हीट वेव से बचने के लिए गर्भवती महिलाएं ये टिप्स अपना सकती हैं। जैसे कि-
- हल्के, सूती कपड़े पहनें। कपड़े बिलकुल ढीले-ढाले होने चाहिए।
- चिल्ड पानी पीने से बचें। मिट्टी के घड़े का ठंडा पानी पिएं।
- लगातार नारियल पानी, नींबू पानी, छांछ पीते रहें।
- ज्यादा गर्मी लगे तो पानी डालकर शरीर को ठंडा रखें। सूती दुपट्टे को गीला करके निचोड़कर ओढ़ने में भी कोई दिक्कत नहीं है। बस शरीर को लगातार ठंडक मिलनी जरूरी है।
- जहां तक मुमकिन हो, एसी, कूलर वाले कमरे में ही रहें।
- अगर ज्यादा गर्मी लगे या पसीना आए तो घर के ज्यादा काम न करें।
- अपनी डाइट में तरबूज-खरबूज, अंगूर, संतरे जैसे मौसमी फलों को शामिल करें, जिससे शरीर हाइड्रेटेड रहे।
- बहुत मोटे गद्दे पर सोने से बचें।
- भीषण गर्मी में यात्रा न करें।
- दिन के समय धूप में घर से बाहर बिलकुल न निकलें।
हिटवेव में ग्राउंड वर्क करने वाले कर्मचारीयो को होनेवाली समस्याए
जिन लोगों का फील्ड वर्क का काम है या जो लोग मेहनत-मजदूरी करते हैं, उन्हें बढ़ते तापमान में स्वास्थ्य का खास ख्याल रखना चाहिए। क्योंकि ऐसे लोग सीधे धूप के संपर्क में आते हैं, जिससे डिहाइड्रेशन, उल्टी, दस्त, बेहोशी या अन्य समस्याएं हो सकती हैं।