हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम के नियम हुआ बदलाव

नई दिल्ली- डॉक्टर राउंड पर आते हैं और आपको डिस्चार्ज के लिए फिट घोषित करते हैं। अब आप घर जाने के लिए अपना बैग पैक करते हैं, तभी अस्पताल का स्टाफ आपको कुछ और समय इंतजार करने के लिए कहता है।दोपहर से शाम हो जाती है, लेकिन अस्पताल से छुट्टी नहीं मिल पाती, क्योंकि आपना हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम अभी तक क्लीयर नहीं हुआ है। स्टाफ कहता है कि जब तक इंश्योरर बिलों पर साइन नहीं करेगा, अस्पताल आपको छुट्टी नहीं देगा।

स्टाफ कहता है कि अगर इसमें कुछ घंटे और लग जाते हैं तो आपको एक और रात अस्पताल में गुजारनी पड़ेगी। इससे आपका अस्पताल का बिल भी बढ़ जाएगा। ऐसा आए दिन कई लोगों के साथ होता है। लोग फिट तो हो जाते हैं, लेकिन डिस्चार्ज के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है।

IRDAI ने मास्टर सर्कुलर जारी किया

इस समस्या को देखते हुए इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) ने आज यानी 29 मई को एक मास्टर सर्कुलर जारी किया है। इसमें 55 सर्कुलर को निरस्त करते हुए हेल्थ इंश्योरेंस में पॉलिसी होल्डर को मिलने वाले सभी अधिकारों को एक जगह पर लाया है।

IRDAI ने कहा कि इंश्योरेंस करने वाली कंपनी को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज रिक्वेस्ट मिलने के 3 घंटे के अंदर फाइनल अथॉराइजेशन देना होगा। इससे किसी भी स्थिति में पॉलिसी होल्डर को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज के लिए इंतजार नहीं कराया जा सकता। पॉलिसी होल्डर को डिस्चार्ज करने में 3 घंटे से ज्यादा की देरी होती है और हॉस्पिटल एक्स्ट्रा चार्ज लेता है तो इंश्योरेंस करने वाली कंपनी वह चार्ज वहन करेगी। इसका बोझ पॉलिसी होल्डर पर नहीं डाला सकता।

फ्री लुक कैंसिलेशन की समय सीमा 30 दिन, पहले 15 थी

मोरेटोरियम पीरियड 8 साल से घटकर 5 साल हुई। 60 महीने की लगातार कवरेज होने के बाद कोई धोखाधड़ी साबित नहीं होती है तो हेल्थ पॉलिसी और दावा विवादित नहीं होगा। पूर्व की बीमारियों के लिए वेटिंग पीरियड 3 साल होगा। फ्री लुक कैंसिलेशन पीरियड अब 30 दिन किया गया।

  • क्लेम सेटलमेंट के लिए अनुरोध पर तुरंत कार्रवाई करें।
  • पार्थिव शरीर (शव) को तुरंत अस्पताल से रिलीज करवाए।

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