नई दिल्ली – हारे का सहारा बाबा खाटू श्याम का जन्मदिन हर साल बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. इस मौके पर राजस्थान के सीकर जिले में स्थित खाटू श्याम जी के मंदिर में लगे कार्तिक मेले भी भक्तों की खूब भीड़ उमड़ती है. बाबा खाटू श्याम को कलयुग का देवता माना जाता है.
खाटू श्याम का जन्मदिन
खाटू श्याम का जन्मदिन कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की ग्यारस यानी एकादशी तिथि को मनाई जाती है, जोकि आज 12 नवंबर 2024 को है. हालांकि कुछ भक्त फाल्गुन महीने की ग्यारस को भी खाटू श्याम बाबा की जयंती मनाते हैं. इन्हें कलयुग का देवता कहा जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण के वरदान के कारण कलयुग में भीम के पोते और घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक जन्म हुआ.
बर्बरीक को ही कलयुग में बाबा खाटू श्याम के नाम से पूजा जाता है. कुछ भक्त खाटू श्याम को श्रीकृष्ण का ही कलयुगी अवतार मानते हैं. पौराणिक कथा के अनुसार, श्रीकृष्ण ने ही महाभारत के समय बर्बरीक को यह वरदान दिया था कि तुम कलयुग में मेरे ‘श्याम’ नाम से पूरे जाओगे. इसलिए इन्हें खाटू श्याम कहा जाता है.
राजस्थान के सीकर जिले से 43 किलोमीटर की दूरी पर खाटू श्याम का मंदिर है. मंदिर में श्याम बाबा के जन्मोत्सव पर भक्तों की भारी भीड़ रहती है. मंदिर को आलौकिक रूप से सजाया जाता है, सतंरगी फूलों से बाबा श्याम का श्रृंगार किया जाता है, विशेष पूजा-अर्चना होती है और गाय के दूध का भोग लगाया जाता है.
खाटू श्याम बाबा को लेकर पैराणिक कथाओं में ऐसा वर्णन मिलता है कि, उन्होंने श्रीकृष्ण के कहने पर अपना शीश दान कर दिया था. इसलिए इन्हें शीशदानी भी कहा जाता है. सीकर जिले में ही बाबा का शीश प्रकट हुआ था. इसलिए श्याम बाबा के शीश स्वरूप की पूजा होती है.