सरकार ने दी सफाई
एक ट्वीट में पीआईबी ने कहा, ‘रेजिडेंशियल यूनिट का किराया तभी टैक्स योग्य होता है जब इसे किसी जीएसटी रजिस्टर्ड कंपनी को कारोबार करने के लिए रेंट पर दिया जाता है.’ इसमें आगे क्लियर किया गया है कि पर्सनल यूज के लिए अगर कोई व्यक्ति इसे किराए पर लेता है तो इस पर कोई जीएसटी नहीं देना पड़ेगा.’
जानिए क्या है नियम?
गौरतलब है कि जीएसटी की बैठक के बाद सरकार की तरफ से गई जानकारी के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी को अपने बिजनेस के उद्देश्य से किराए पर लेता है तो उसे जीएसटी देना पड़ेगा। पहले जब कोई कमर्शियल काम के लिए ऑफिस या बिल्डिंग को लीज पर लेता था केवल तभी उसे लीज पर जीएसटी पड़ता था.’ दरअसल, जीएसटी की बैठक के बाद से ही लोगों में बढ़े हुए दर को लेकर विरोध दिख रहा है. अगर कोई आम सैलरीड व्यक्ति ने किराए पर एक रेजिडेंशियल घर या फ्लैट लिया है, तो उन्हें जीएसटी का भुगतान नहीं करना पड़ता है. जबकि एक जीएसटी-पंजीकृत व्यक्ति या संस्था जो कारोबार करती है, अगर वे किराए पर रेजिडेंशियल घर फा फ्लैट लेते हैं तो उन्हें मालिक को किराए पर 18 प्रतिशत जीएसटी देना होगा.