नई दिल्ली- केंद्र सरकार ने तेल कंपनियों को दो महीने के अंतराल के बाद एक बार फिर झटका दिया है. सरकार ने ऐलान किया है पेट्रोलियम क्रूड पर 2 महीने अंतराल के बाद एक बार फिर विंडफॉल टैक्स लगाया जाएगा.14 जुलाई को जारी किए गए नोटिफिकेशन के अनुसार घरेलू क्रूड उत्पादन पर विंडफॉल टैक्स को बढ़ाकर 1600 रुपये प्रति टन कर दिया गया है. पहले इस पर जीरो टैक्स लग रहा था. नई दरें 15 जुलाई, 2023 यानी शनिवार से लागू हो चुकी है. वहीं पेट्रोल, डीजल और एविएशन टर्बाइन फ्यूल पर विंडफॉल टैक्स को शून्य रखा गया है.
मई में विंडफॉल टैक्स कर दिया गया था शून्य
इससे पहले 15 मई, 2023 को केंद्र सरकार ने पेट्रोलियम क्रूड पर लगने वाले विंडफॉल टैक्स में बड़ी कटौती करते हुए उसे 4,100 रुपये प्रति टन से घटाकर शून्य कर दिया था. वहीं इससे पहले 1 मई को भी सरकार ने इसमें 2,200 रुपये प्रति टन की कटौती की थी. वहीं 17 जून को भी सरकार ने तय किया था कि वह पेट्रोलियम क्रूड, पेट्रोल, डीजल और ATF पर किसी तरह का विंडफॉल टैक्स नहीं लगाएगी, लेकिन एक महीने के भीतर सरकार ने अपने फैसले में बड़ा बदलाव कर दिया है. फिलहाल पेट्रोल, डीजल और एविएशन टर्बाइन फ्यूल पर विंडफॉल टैक्स जीरो लग रहा है.
पहली बार विंडफॉल टैक्स कब लगाया गया है
भारत में पहली बार विंडफॉल टैक्स केंद्र सरकार ने क्रूड ऑयल उत्पादों पर जुलाई 2022 को लगाया था. इसमें गैसोलीन, डीजल और एविएशन टरबाइन फ्यूल जैसे उत्पादों को भी शामिल किया गया था. इन उत्पादों को देश से बाहर बेचने पर मिलने पर लाभ पर सरकार टैक्स लगाती है. प्राइवेट तेल कंपनियां अंतरराष्ट्रीय बाजार में ज्यादा प्रॉफिट पर उत्पाद बेच रही थी. ऐसे में वह घरेलू बाजार के बजाय बाहर में उत्पादों को बेचने पर तरजीह दे रही थी. ऐसे में सरकार ने इस प्रॉफिट मार्जिन को कम करने के लिए ही पेट्रोलियम क्रूड और अन्य प्रोडक्ट्स पर विंडफॉल टैक्स लगाना शुरू कर दिया है.