नइ दिल्ली- केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामले के विभाग (डीओसीए) ने आज नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनआरएआई) के साथ हुई बैठक में सर्विस चार्ज न वसूलने को कहा है। दरअसल, देशभर के रेस्टोरेंट में ग्राहकों से खाने-पीने के बिल में सर्विस चार्ज जोड़कर मांगा जाता है। सरकार ने इस सर्विस चार्ज को गलत मानते हुए इसे न वसूलने को कहा है। सरकार जल्द ही इसको लेकर नियम ला सकती है।
सबसे पहले समझें सर्विस चार्ज क्या होता है?
जब आप किसी प्रोडक्ट या सर्विस को खरीदते हैं तो उसके लिए कुछ पैसे देने पड़ते हैं। इसे ही सर्विस चार्ज कहते हैं। यानी होटल या रेस्टोरेंट में खाना परोसने और दूसरी सेवाओं के लिए ग्राहक से सर्विस चार्ज लिया जाता है। ग्राहक भी होटल या रेस्टोरेंट से बिना सवाल-जवाब किए सर्विस चार्ज के साथ पेमेंट कर देते हैं। हालांकि, ये चार्ज ट्रांजैक्शन के समय ही लिया जाता है न की सर्विस लेते वक्त।
बिल का कुछ प्रतिशत वसूला जाता है सर्विस चार्ज
सर्विस चार्ज आपके होटल या रेस्टोरेंट के बिल में सबसे नीचे लिखा होता है। ये आमतौर पर आपके बिल का कुछ प्रतिशत हो सकता है। ज्यादातर ये 5% रहता है। यानी आपका बिल अगर 1,000 रुपए का हुआ है तो ये 5% सर्विस चार्ज 1,050 रुपए हो जाएगा।