सिक्के अस्वीकार करना दंडनीय अपराध
अकोला- भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा भारतीय मुद्रा में जारी किए गए दस रुपये के सिक्के को कुछ जगहों पर मना किया जा रहा है, ऐसी शिकायतें जिला प्रशासन को मिली हैं. इस तरह के सिक्कों की स्वीकृति अनिवार्य है और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार, जो व्यक्ति इस तरह से भारतीय मुद्रा को स्वीकार करने से इनकार करता है, तो उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जा सकता है और उसे दंडित किया जा सकता है, यह जिला प्रशासन की ओर से स्पष्ट किया गया है. इस संबंध में जिला प्रशासन को प्राप्त शिकायतों को गंभीरता से लिया गया है और ऐसे में करेंसी सिक्के लेने से इंकार करने वालों के खिलाफ भादंसं की धारा 124 के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाए,
यह निर्देश पुलिस प्रशासन को दिए गए हैं. इस संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार रिजर्व बैंक द्वारा इस प्रकार जारी की गई मुद्रा को कोई भी स्वीकार करने से मना नहीं कर सकता है. इस प्रकार, यदि बैंक या व्यापारी कानूनी मुद्रा स्वीकार करने से इनकार करते हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. दस रुपये सिक्का राष्ट्रीय मुद्रा है. जैसा कि भारत सरकार ने मुद्रा का मूल्य वाहक को देने का वादा किया है, किसी को भी इसे अस्वीकार करने का अधिकार नहीं है. जो लोग भारतीय मुद्रा को स्वीकार करने से इनकार करते हैं, उन पर दंड संहिता की धारा 124 के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है
3 साल की कैद और जुर्माने का प्रावधान
सिक्के को अस्वीकार करने का कारण उस व्यक्ति से लिखित रूप में प्राप्त किया जाना चाहिए, जिसने सिक्के को लेने से मना किया था. पुलिस स्थानीय पुलिस को विवरण उपलब्ध कराने के बाद संबंधित के खिलाफ मामला दर्ज करेगी. इस अपराध में तीन साल की कैद और जुर्माने का प्रावधान हैl