सरकारी ई-मार्केटप्लेस ने रिकॉर्ड समय में 1 लाख करोड़ रुपये के सकल मर्चेंडाइज वैल्यू को किया पार

नई दिल्ली- सरकारी पोर्टल जीईएम से वस्तुओं और सेवाओं यानी गुड्स और सर्विसेज की खरीद इस वित्त वर्ष में अब तक एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गयी है. सरकारी खरीद के लिए केंद्र सरकार का जीईएम पोर्टल लगातार खरीदारों का ध्यान आकर्षित कर रहा है और इसका सबूत है कि चालू वित्त वर्ष में अबतक जीईएम पोर्ट्ल से सार्वजनिक खरीद एक लाख करोड़ रुपये के पार जा चुकी है. जीईएम ने वित्त वर्ष 2022-23 के 243 दिनों की तुलना में वित्त वर्ष 2023-24 में 145 दिनों के अंदर यह उपलब्धि हासिल कर ली है.

कितना जा सकता है इस साल सरकारी खरीदा का आंकड़ा

वित्त वर्ष 2021-22 में जीईएम पोर्टस पर खरीदारी 1.06 लाख करोड़ रुपये की कीमत की रही. पिछले वित्त वर्ष के दौरान यह दो लाख करोड़ रुपये को पार कर गया था और इस साल यह तीन लाख करोड़ रुपये को पार कर सकता है. लगातार बढ़ती जीईएम पोर्टल की सरकारी खरीद इस बात का संकेत है कि लोगो को इसके बारे में जानकारी बढ़ रही है और वो जमकर इस पोर्टल का उपयोग सार्वजनिक खरीदारी के लिए कर रहे हैं. वर्तमान में सरकारी विभागों, मंत्रालयों, पब्लिक सेक्टर की यूनिट्स, राज्य सरकारों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को इस पोर्टल के माध्यम से लेनदेन करने की मंजूरी मिली हुई है.

क्या है जीईएम पोर्टल

केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों और विभागों की वस्तुओं और सेवाओं की ऑनलाइन खरीद के लिए सरकारी ई-मार्केट (जीईएम) पोर्टल नौ अगस्त, 2016 को शुरु किया गया था. यह पोर्टल ऑफिस स्टेशनरी से लेकर गाड़ियों तक की एक डिटेल्ड श्रृंखला खरीदारी के लिए ग्राहकों को मुहैया कराता है. जीईएम के पास 63,000 से अधिक सरकारी खरीदार संगठन और 62 लाख से ज्यादा सेलर और सर्विस प्रोवाइडर्स हैं जो गुड्स एंड सर्विसेज की एक विस्तृत श्रृंखला पेश करते हैं.

वित्त वर्ष 22-23 में औसत जीएमवी प्रति दिन 412 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 23-24 में 690 करोड़ रुपये प्रति दिन हो गया है. अपनी स्थापना के बाद से जीईएम ने जीएमवी में 4.91 लाख करोड़ रुपये को पार कर लिया है और इसने प्लेटफॉर्म पर 1.67 करोड़ से अधिक ऑर्डर की सुविधा प्रदान की है.

कॉमर्स मिनिस्ट्री ने जताई खुशी

वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि जीईएम ने वित्त वर्ष 2022-23 में 243 दिनों के मुकाबले वित्त वर्ष 2023-24 में 145 दिनों के भीतर यह ‘मील का पत्थर’ हासिल कर लिया है. इसे काफी उत्साहजनक माना जा सकता है. इसमें कहा गया है कि इस खरीद में केंद्रीय पब्लिक सेक्टर के उद्यमों (सीपीएसई), केंद्रीय मंत्रालयों और राज्य सरकारों का योगदान क्रमशः 54 फीसदी, 26 फीसदी और 20 फीसदी रहा है. विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की खरीद गतिविधियों में तेजी के कारण ही जीईएम पोर्टल के खरीदारी आंकड़ों में तेजी देखी जा रही है.

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