अकोला- पुणे में पहली बार दुर्लभ बीमारी गुइलेन-बैरी सिंड्रोम के मरीज मिले। अब यह बीमारी अकोला तक भी पहुंच गई है। अकोला के जिला सामान्य अस्पताल में जीबी सिंड्रोम के 5 मरीजों को इलाज शुरु रहने की जानकारी सूत्रों से प्राप्त हुई हैं। आरोग्य विभाग ने अपील की है कि नागरिक घबराएं नहीं सतर्क रहेंlजिला सामान्य अस्पताल में 5 नागरिक इस बीमारी से संक्रमित होने की जानकारी प्राप्त हुई हैं। उनका इलाज अकोला के जिला सामान्य अस्पताल में चल रहा है।
आरोग्य विभाग की ओर से कहा कि यह बीमारी कोरोना की तरह संक्रामक नहीं है, इसलिए नागरिकों को घबराना नहीं चाहिए बल्कि सावधानी बरतनी चाहिए। इस बीमारी के मद्देनजर, अकोला की स्वास्थ्य प्रणाली को भी सतर्क कर दिया गया है। इस बीमारी के लक्षण पाए जाने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लेने की अपील की।
यह हैं जीबीएस के लक्षण
प्राप्त जानकारी के अनुसार जीबीएस एक दुर्लभ संक्रमण है, जिसमें शरीर के हिस्से अचानक सुन्न पड़ जाते हैं और मांसपेशियों में कमजोरी आ जाती है। इसके साथ ही इस बीमारी में हाथ पैरों में गंभीर कमजोरी जैसे लक्षण भी होते हैं। चिकित्सकों ने बताया कि आम तौर पर जीवाणु, और वायरल संक्रमण जीबीएस का कारण बनते हैं, क्योंकि वे रोगियों की डिफेंस सिस्टम को कमजोर करते हैं।
उचित दवा उपचार से जीबीएस को रोका जा
जीबीएस से घबराने की कोई बात नहीं है। जीबीएस रोग को उचित देखभाल से ठीक किया जा सकता है। डॉ. गजभिये ने कहा, अगर आप बाहर का खाना खाते हैं और बाहर का पानी पीते हैं, तो जीबीएस संक्रमण की संभावना अधिक है। इस बीमारी के लक्षणों में कमजोरी, थकान और सांस लेने में कठिनाई शामिल है। लेकिन डॉक्टरों ने यह भी बताया कि अगर उचित दवा उपचार किया जाए तो जीबीएस को रोका जा सकता है।
यह सतर्कता बरतें
खुली जगहों पर बासी खाना खाने से बचना चाहिए साथ ही पानी उबालकर पीने चाहिए। इसके अलावा, अगर आपको अपने हाथों और पैरों की मांसपेशियों में अचानक कमजोरी महसूस हो तो आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। प्राप्त जानकारी के अनुसार पनीर, चावल, चीज इन खाद्य पदार्थों में बैक्टीरिया तेजी से फैलाते हैं। पनीर डेयरी उत्पाद हैं इनमें लिस्टेरिया, साल्मोनेला बैक्टीरिया का प्रसार अधिक होने की संभावना है। इसलिए अब इन खाद्य पदार्थों को स्टोर करके नहीं खाना चाहिए।