नवंबर में 150 बिलियन डॉलर थी नेटवर्थ
एक हफ्ते में अडाणी की नेटवर्थ में 35.6 बिलियन डॉलर की कमी आई है। 20 नवंबर 2022 को अडाणी की नेटवर्थ 150 बिलियन डॉलर पर पहुंच गई थी। वहां से अडाणी की नेटवर्थ अभी 65.6 बिलियन डॉलर नीचे है। गौतम अडाणी का ग्रुप भारत में सबसे बड़ा पोर्ट ऑपरेटर है। ये ग्रुप भारत का सबसे बड़ा थर्मल कोल प्रोड्यूसर और सबसे बड़ा कोल ट्रेडर भी है।
अप्रैल 2021 में 57 अरब डॉलर थी अडाणी की नेटवर्थ
अडाणी 4 अप्रैल 2022 को सेंटीबिलियनेयर्स क्लब में शामिल हुए थे। 100 बिलियन डॉलर से ज्यादा नेटवर्थ वाले व्यक्तियों को सेंटीबिलियनेयर कहा जाता है। उससे पहले अप्रैल 2021 में अडाणी की नेटवर्थ 57 अरब डॉलर थी। फाइनेंशियल ईयर 2021-2022 में अडाणी की नेटवर्थ दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ी। अडाणी ग्रुप की सात पब्लिकली लिस्टेड कंपनीज है।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद शेयर्स में गिरावट का दौर
अमेरिका की रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आई थी। रिपोर्ट में अडाणी ग्रुप पर स्टॉक मैनिपुलेशन, मनी लॉन्ड्रिंग और अकाउंटिंग फ्रॉड में शामिल होने का आरोप लगाया गया है। इसके बाद अडाणी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली। सोमवार को ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज के शेयरों ने रिकवरी दिखाई। ये 3.93% चढ़कर बंद हुआ। ACC, अडाणी पोर्ट, अंबुजा सीमेंट के स्टॉक में भी तेजी देखने को मिली। वहीं अडाणी टोटल गैस 20%, ग्रीन एनर्जी 20.00%, पावर 5.00%, ट्रांसमिशन 15.23% और विल्मर 5.00% गिरा।
अडाणी ग्रुप ने 413 पन्नों का जवाब
गौतम अडाणी समूह ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को भारत पर साजिश के तहत हमला बताया है। ग्रुप ने 413 पन्नों का जवाब जारी किया। इसमें लिखा है कि अडाणी समूह पर लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं। ग्रुप ने यह भी कहा कि इस रिपोर्ट का असल मकसद अमेरिकी कंपनियों के आर्थिक फायदे के लिए नया बाजार तैयार करना है।
समूह ने कहा कि यह रिपोर्ट गलत जानकारी और आधे-अधूरे तथ्यों को मिलाकर तैयार की गई है। इसमें लिखे गए आरोप बेबुनियाद हैं और बदनाम करने की मंशा से लगाए गए हैं। इस रिपोर्ट का सिर्फ एक ही उद्देश्य है- झूठे आरोप लगाकर सिक्योरिटीज के मार्केट में जगह बनाना, जिसके चलते अनगिनत इंन्वेस्टर्स को नुकसान हो और शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग बड़ा आर्थिक फायदा उठा सके।