देश में पहली बार हिन्दी में डॉक्टरी की पढ़ाई, इससे देश में क्रांति आएगी

देश में पहली बार मध्यप्रदेश में MBBS की पढ़ाई हिन्दी में होगी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भोपाल में रविवार को इसकी 3 किताबों का विमोचन किया। उन्होंने कहा- ये क्षण देश में शिक्षा क्षेत्र के पुनर्निर्माण का क्षण है। सबसे पहले मेडिकल की शिक्षा हिन्दी में शुरू करके शिवराज सिंह ने मोदी जी की इच्छा पूरी की है। देशभर में 8 भाषाओं में पढ़ाई हो रही है। यूजी नीट देश की 22 भाषाओं में हो रही है। 10 राज्य इंजीनियरिंग की पढ़ाई मातृभाषा में करवा रहे हैं। भोपाल में किताबों के विमोचन के बाद शाह ग्वालियर के लिए रवाना हो गए।

कुछ दिनों बाद इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी हिन्दी में शुरू होगी। इसके लिए सिलेबस के अनुवाद का काम शुरू हो गया है। छह माह बाद, पॉलीटेक्निक और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिन्दी में करने का मौका मिलेगा।

मंत्री ने कहा- आगे के पाठ्यक्रम का अनुवाद भी करेंगे

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा- आजादी के बाद मप्र देश में पहला राज्य होने वाला है, जो हिन्दी में मेडिकल की पढ़ाई करवाएगा। हमने पूरी तरह से शोध करके यह तय किया कि किस तरह से मेडिकल की पढ़ाई हिन्दी में करवा सकते हैं। हमने फर्स्ट ईयर की 3 किताबों का हिन्दी अनुवाद किया है। 97 डॉक्टरों की टीम ने इस पर काम किया है। हम आगे के पाठ्यक्रमों का भी हिन्दी अनुवाद करेंगे। मप्र देश में पहला राज्य है जो हिन्दी में मेडिकल की पढ़ाई करवाएगा।

97 डॉक्टरों ने चार महीने में तैयार की 3 किताबें

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह काम चिकित्सा शिक्षा विभाग को दिया था। प्रदेश के 97 डॉक्टरों की टीम ने 4 महीने तक रात-दिन मेहनत कर अंग्रेजी की किताबों का हिन्दी में अनुवाद किया है। डॉक्टरों के साथ कम्प्यूटर ऑपरेटर्स की टीम बनाई गई। इस टीम ने 24 घंटे, सातों दिन लगकर MBBS फर्स्ट ईयर की 5 किताबों का हिन्दी में अनुवाद किया। इस प्रक्रिया में तकनीकी पहलुओं और छात्रों के भविष्य की चुनौतियों का भी ख्याल रखा गया है। इन किताबों को इस प्रकार अनुवादित कर तैयार किया गया है, जिसमें शब्द के मायने हिन्दी में ऐसे न बदल जाएं कि उसे समझना मुश्किल लगे।

15 नवंबर से होगी हिन्दी में पढ़ाई की शुरुआत

काउंसिलिंग के बाद आने वाले MBBS के नए बैच के छात्रों को हिन्दी में अनुवादित की गई किताबों से पढ़ाया जाएगा। 15 नवंबर से नए बैच की पढ़ाई हिन्दी में होगी। इस शुरुआत के बाद मप्र के ग्रामीण अंचलों में रहने वाले हिन्दी माध्यम से पढ़ाई करने वाले छात्र उत्साहित हैं।यूक्रेन, रूस, जापान, चीन, किर्गिस्तान और फिलीपींस जैसे देशों की तरह अब भारत में भी मेडिकल की पढ़ाई मातृभाषा में होगी। देश में इसकी शुरुआत मध्यप्रदेश से हो रही है।

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