त्योहारों पर गेहूं-चावल-चीनी और तेल त्योहारों में नहीं होगा महंगा

नई दिल्ली- देशभर में खाने-पीने के सामान की बढ़ती कीमतों को लेकर आम जनता काफी चिंतित है, लेकिन अब सरकार की तरफ से राहत भरी खबर सामने आ गई है. खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा कि देश में गेहूं, चावल, चीनी, खाद्य तेल जैसी जरूरी खाद्य वस्तुओं की आपूर्ति पर्याप्त है और सरकार काला बाजारी करने वालों पर कड़ी नजर रख रही है. इससे आगामी त्योहारों के दौरान इन खाद्य वस्तुओं की खुदरा कीमतें काबू में रहेंगी.

जरूरत पर सरकार उठाती है जरूरी कदम

जब भी जरूरत पड़ती है सरकार जरूरी कदम उठाती है. उदाहरण के लिए कीमतों में तेजी के बीच तत्काल प्रभाव से व्यापारियों, थोक और बड़े खुदरा विक्रेताओं के लिये भंडार सीमा को घटाकर 2,000 टन किया गया है. सचिव ने कहा कि देश में गेहूं, चावल, चीनी और खाद्य तेलों की आपूर्ति पर्याप्त है.

चीनी की कीमतें स्थिर बनी हुई

चीनी कि कीमतें स्थिर बनी हुई हैं, लेकिन अगस्त में कम मानसूनी बारिश के कारण कमी की आशंका को लेकर अफवाह के कारण हाल में कुछ जगह कीमतों में तेजी आई है. देश में 85 लाख टन का पर्याप्त चीनी भंडार है. यह साढ़े तीन महीने की जरूरतों को पूरा करने के लिये पर्याप्त है.

खाद्य सचिव ने दी जानकारी 

खाद्य सचिव ने कहा कि सरकार त्योहारों को लेकर पर्याप्त रूप से तैयार है. सरकार ने 25 लाख टन चीनी जारी की है. अगस्त में दो लाख टन अतिरिक्त चीनी जारी की गई है. उन्होंने कहा कि मोटे तौर पर चीनी की उपलब्धता अच्छी है. सरकार इस साल गन्ना उत्पादन में गिरावट को लेकर उद्योग संगठन भारतीय चीनी मिल संघ (इसमा) की आशंका से सहमत नहीं है.

कर्नाटक और महाराष्ट्र में हुई अच्छी बारिश

इसका कारण यह है कि इस महीने की शुरुआत में कर्नाटक और महाराष्ट्र में अच्छी बारिश हुई है और हमें उम्मीद है कि इससे गन्ने का उत्पादन बेहतर रहेगा.

गेहूं के हैं पर्याप्त भंडार

गेहूं के देश में इसका पर्याप्त भंडार है और खुदरा कीमतें वर्तमान में औसतन 30 रुपये प्रति किलो पर स्थिर है सरकार ने जमाखोरी पर अंकुश लगाने और कीमतों को काबू में रखने के लिये व्यापारियों, थोक और बड़े खुदरा विक्रेताओं पर भंडार सीमा को और कम कर दिया है.  31 अगस्त की स्थिति के अनुसार, सरकार के पास 255 लाख टन गेहूं का भंडार था, जबकि जरूरत 202 लाख टन की है. परिस्थिति के अनुसार सरकार खुले बाजार में गेहूं की आक्रामक तरीके से बिक्री की जा सकती है.

चावल की 10 फीसदी ग्रोथ को लेकर चिंतित

चावल के  दाम में 10 फीसदी ग्रोथ को लेकर हम चिंतित हैं. कीमत वृद्धि का कारण नकारात्मक धारणा है, जो कुछ लोग बना रहे हैं. यह कहा जा रहा है कि इस साल मानसून इतना अच्छा नहीं रहा है और चावल का उत्पादन प्रभावित होने वाला है.

लोग बना रहे निगेटिव बातें

कुछ लोगों की तरफ से नकारात्मक रूप से पैदा की जा रही धारणा है. मैं आपके माध्यम से यह बताना चाहूंगा कि फसल की स्थिति अच्छी हैl खाद्य तेल के बारे में कहा कि देश में वर्तमान में 37 लाख टन खाद्य तेलों का आयात किया गया है, जो पिछले साल के 27 लाख टन से अधिक है. कम वैश्विक कीमतों का फायदा उठाते हुए उद्योग ने इस साल रिकॉर्ड खाद्य तेल का आयात किया है. उन्होंने कहा है कि कुल मिलाकर हमारे पास अतिरिक्त भंडार है और परिणामस्वरूप, आने वाले दिनों में किसी प्रकार कमी या कीमतों में वृद्धि की आशंका नहीं है.

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