नई दिल्ली- भारत में इंश्योरेंस सेक्टर का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। विदेशी निवेशक भी इसमें खूब दिलचस्पी दिखा रहे हैं। फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्रेटरी विवेक जोशी ने बताया कि पिछले 9 साल के दौरान इंश्योरेंस सेक्टर में करीब 54 हजार करोड़ रुपये का फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (FDI) आया है।
क्या है विदेशी निवेश बढ़ने की वजह?
विवेक जोशी ने बताया कि सरकार ने अपनी नीतियों में ढील दी है, जिससे विदेशी निवेशक बड़ी संख्या में आकर्षित हो रहे हैं। पहले बीमा सेक्टर में FDI लिमिट सिर्फ 36 फीसदी थी। लेकिन, केंद्र सरकार ने इसे 2015 में बढ़ाकर पहले 49 फीसदी और फिर 2021 में 74 प्रतिशत कर दिया। इंश्योरेंस इंटरमीडियरीज के लिए FDI लिमिट को साल 2019 में बढ़ाकर 100 फीसदी कर दिया गया।
फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्रेटरी का कहना है कि इन नीतिगत बदलावों से बीमा सेक्टर में विदेशी निवेशकों के लिए रास्ते पूरी तरह खुल गए और उन्होंने इसका भरपूर लाभ उठाया। इसके चलते दिसंबर 2014 से जनवरी 2024 के बीच बीमा कंपनियों को 53,900 करोड़ रुपये का FDI मिला।
बीमा कंपनियों की संख्या में भी इजाफा
जोशी की ने बताया कि FDI के साथ ही इंश्योरेंस सेक्टर में बीमा कंपनियों की संख्या भी बढ़ी। पिछले एक दशक के दौरान बीमा कंपनियों की संख्या भी 54 से बढ़कर 70 हो गई है। इस दौरान बीमा सेक्टर की ग्रोथ मापने वाले बाकी पैमानों में भी वृद्धि हुई।