नई दिल्ली- भारत में नकली दवा निर्माता कम्पनियों के एक बड़ा साम्राज्य है। कई बार इन कम्पनियों के खुलासे होते रहते हैं। एक बार फिर देश में नकली दवाओं का भंडाफोड़ हुआ है। यह नकली दवाएं नामी कंपनियों के ब्रांड नाम से तैयार की गई थीं। केंद्रीय औषधि एजेंसी ने देशभर की दवा लाइसेंसिंग अथॉरिटीज को इस बारे में अलर्ट किया है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के अनुसार बद्दी स्थित त्रिजल फॉर्मूलेशन में यह नकली दवाएं तैयार की गई हैं। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया वीजी सोमानी को इस बारे में हिमाचल के ड्रग कंट्रोलर नवनीत मारवाह ने रिपोर्ट दी थी। इसके बाद वीजी सोमानी ने एक दिसंबर को जरूरी निर्देश जारी किए गए थे।
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इन बनावटी दवाइयों की कीमत काफी ज्यादा बताई जा रही है। ड्रग्स कंट्रोल एडमिनिस्ट्रेशन ने 22 से 24 नवंबर के बीच एक कार, दो गोदाम और बद्दी स्थित त्रिजल फॉर्मूलेशन के गैरआधिकारिक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट से यह नकली दवाएं बरामद की हैं। इन नकली दवाओं की कुल कीमत करीब एक करोड़ से ज्यादा आंकी गई है। सीज की गई दवाओं में मोंटेयर, अटोर्वा, रोजडे, जीरोडॉल, टीएच4, डायटर, दिलजेम एसआर, यूरिस्पास और बायोडी3 कैप्सूल हैं। जिन कंपनियों के नाम पर नकली दवाएं बनाई गई हैं, उनमें सिप्ला, जायडस कैडिला, यूएसवी प्राइवेट लिमिटेड और आईपीसीए जैसे नाम भी शामिल हैं।
कैसे होगी आगे की कारवाही
नकली दवाओं के जखीरे का भंडाफोड़ होने के बाद आगे की कार्रवाई के लिए इन दवाओं का बैच नंबर डीजीसीआई को बता दिया गया है। वहीं मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें, मास्टरमाइंड मोहित बंसल, अतुल गुप्ता, विजय कुशल और नरेश कुमार हैं। सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि इन दवाओं की बड़ी खेप यूपी के कुछ जिलों में उतारी जा चुकी है। जानकारी के मुताबिक इन जिलों में आगरा और अलीगढ़ के नाम शामिल हैं। यहां पर इन दवाओं को एमएच फार्मा नाम की होलसेल फर्म ने सप्लाई किया था। इस फर्म का मालिक मोहित नाम का व्यक्ति बताया जा रहा है।