नागरिक रहे सावधान! देश में बिक रहे नकली हॉलमार्क वाले सोने के गहने,पढ ले ये काम की खबर वरना हो सकता हैं आपका नुकसान

 

नई दिल्‍ली- लोगों को ठगी से बचाने के लिए सरकार ने सोने के आभूषणों पर हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी है. लेकिन, इसके बाद सोने के मिलावटी गहने अब भी देश में धड़ल्‍ले से बेचे जा रहे हैं. हॉलमार्किंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (HFI) ने भी माना है कि कुछ लोग सोने के आभूषणों पर नकली हॉलमार्किंग  कर ग्राहकों को चूना लगा रहे हैं. फेडरेशन ने सरकार को पत्र लिखकर नकली हॉलमार्किंग को रोकने के लिए सख्‍त कदम उठाने की मांग की है.

एचएफआई के प्रेसीडेंट जेम्‍स जोस का कहना है कि सरकार ने अभी तक हॉलमार्किंग के पुराने लोगो पर बैन नहीं लगाया है. इसी की आड़ में नकली हॉलमार्किंग कर कम कैरेट वाले सोने के गहने ग्राहकों को ज्‍यादा कैरेट के बताकर बेचे जा रहे हैं. जोस का कहना है कि हॉलमार्किंग का पुराना लोगो ज्‍यादा सुरक्षित नहीं है. नकली हॉलमार्किंग पर रोक लगाने के‍ लिए सरकार को पुराना लोगो इस्‍तेमाल करने की समय सीमा तय कर देनी चाहिए और तय सीमा के बाद इसे पूरी तरह बैन कर देना चाहिए.

क्‍या है हॉलमार्किंग?

हॉलमार्किंग सोने की शुद्धता की गारंटी होती है. हॉलमार्क हर आभूषण पर लगने वाला एक निशान होता है. इसमें भारतीय मानक ब्यूरों का लोगो, उसकी शुद्धता दी होती है. इसके साथ ही टेस्टिंग सेंटर आदि की भी जानकारी हॉलमार्किंग में मिलती है. किसी आभूषण में सोने की मात्रा अलग-अलग होती है, जो उसकी शुद्धता यानी कैरेट के आधार पर तय होती है. कई बार ज्वैलर्स कम कैरेट के आभूषणों पर ऊंची कैरेट की कीमतें वसूलते हैं. इसी को खत्म करने के लिये हॉलमार्किग को अनिवार्य किया गया है.

कैसे पहचानें असली हॉलमार्किंग

सरकार ने पिछले साल 1 जुलाई से गोल्ड ज्वेलरी की हॉलमार्किंग के संकेतों में बदलाव करते हुए संकेतों की संख्‍या तीन कर दी है. पहला संकेत बीआईएस हॉलमार्क का होता है. यह एक तिकोना निशान होता है. दूसरा संकेत शुद्धता के बारे में बताता है. या‍नी, इससे पता चलता है कि गहना कितने कैरेट सोने से बना है. तीसरा संकेत छह डिजिट का एक अल्फान्यूमेरिक कोड होता है जिसे HUID नंबर कहा जाता है. HUID का मतलब हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर होता है. इस छह डिजिट के कोड में लेटर और डिजिट्स शामिल होते हैं. हॉलमार्किंग के वक्त हर ज्वेलरी को एक HUID नंबर एलॉट किया जाता है. यह नंबर यूनिक होता है. इसका मतलब है कि एक ही एचयूआईडी नंबर की दो ज्वेलरी नहीं हो सकती.

BIS CARE ऐप से चेक की जा सकती है शुद्धता

भारतीय मानक ब्‍यूरो के बनाए बीआईएस केयर ऐप नामक मोबाइल ऐप से आप हॉलमॉर्क ज्‍वैलरी की जांच कर सकते हैं. बीआईएस केयर ऐप को डाउनलोड करके इसमें अपना नाम, फोन नंबर और ईमेल आईडी डालना होगा. फिर, आपका मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी ओटीटी के जरिए वेरिफाई करना होगा. वेरिफिकेशन के बाद ही इस ऐप का प्रयोग किया जा सकता है.

बीआईएस केयर ऐप में ‘Verify HUID’ का फीचर दिया गया है. इसमें ज्‍वैलरी पर दिए गए एचयूआईडी नंबर को डालकर आप पता लगा सकते हैं कि हॉलमार्किंग असली है या नकली. इसके अलावा ऐप के लाइसेसिंग डिटेल सेक्शन में जाकर भी ब्रांडेड प्रोडक्ट्स की जांच कर सकते हैं. अगर आप अपनी खरीदी हॉलमार्क ज्‍वैलरी से संतुष्‍ट नहीं है तो आप ऐप के कम्‍पलेट्स सेक्‍शन में जाकर शिकायत भी दर्ज करा सकते हैं.

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