लाडली बहन योजना की फिर से जांच करेगी महाराष्ट्र सरकार

मुंबई- महाराष्ट्र में जिन परिवारों की वार्षिक आय ढाई लाख रुपये से कम है, उनके घर की महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत महिलाओं के खाते में हर महीने डेढ़ हजार रुपये जमा किये जाते हैं। अब तक कुल छह किश्तें महिलाओं के खाते में जमा हो चुकी हैं। हाल ही में लाडकी बहीण योजना की दिसंबर की किस्त भी लाभार्थी महिलाओं के खाते में जमा की गई।

दो महीने बाद यानी मार्च से लाडली बहनों को 2100 रुपये मिल सकते है. लेकिन इससे पहले अहम खबर यह सामने आई कि जो महिलाएं लाडकी बहिन योजना  के मापदंड में फिट नहीं बैठेंगी या फिर उनके खिलाफ अगर शिकायत मिलती हैं तो उनके आवेदन का दोबारा सत्यापन किया जाएगा। इस बात की जानकारी कुछ दिन पहले मंत्री अदिति तटकरे ने दी है।

जीआर में कोई बदलाव नहीं किया गया

महाराष्ट्र की महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिती तटकरे ने पिछले सप्ताह कहा था कि राज्य सरकार ने लाडकी बहन योजना के फर्जी लाभार्थियों के बारे में शिकायतों पर कार्रवाई करने का फैसला किया है और उनके सत्यापन के लिए आयकर तथा परिवहन विभागों से जानकारी मांगी है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार केवल फर्जी लाभार्थियों से संबंधित शिकायतों पर ही कार्रवाई करेगी।लाडकी बहीण योजना के जीआर में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
लाडकी बहीन योजना चालू रहेगी। लेकिन जिन लाभार्थी महिलाओं की पारिवारिक आय अब ढाई लाख से अधिक हो गई है या जिनके पास कार है उनके इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। साथ ही जिन लाभार्थी महिलाओं का आधार कार्ड में नाम और बैंक खाते में नाम अलग है तो उनके पैसे भी रुक सकते है।

46,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च आने का अनुमान

महाराष्ट्र के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने कहा कि लाडकी बहिन योजना से राज्य के खजाने पर भार पड़ रहा है और इसके कारण कृषि कर्ज माफी का वादा सरकार पूरा नहीं कर पा रही है। उन्होंने रविवार को पुणे में पत्रकारों से कहा कि लाडकी बहिन योजना के कारण अतिरिक्त खर्च जुड़ने से राज्य के अधिशेष बनाने की क्षमता प्रभावित हुई। यह अधिशेष किसानों के कर्ज माफ करने के लिए इस्तेमाल किया जाता। अभी वित्तीय स्थिति की समीक्षा की जा रही है और एक बार राज्य की आमदनी बढ़ने के बाद चार से छह महीने में कर्ज माफी योजना पर आगे कदम बढ़ाया जाएगा।
लाडकी बहिन योजना से राज्य पर सालाना लगभग 46,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च आने का अनुमान है। ताजा रिपोर्टों के अनुसार, महाराष्ट्र के आगामी बजट सत्र में इस संबंध में प्रावधान किये जाने की संभावना है, जिसके बाद लाडली बहना योजना (लाडकी बहीण योजना) की महिला लाभार्थियों को 2100 रुपये मिल सकेंगे।

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