नयी दिल्ली- इस साल 12 बड़ी खगोलीय घटनाएं होने वाली हैं। इनमें 4 ग्रहण, 3 सुपरमून, 4 बड़े प्लेनेट कंजंक्शन होंगे और शनि ग्रह बिना रिंग के दिखेगा। कंजंक्शन यानी दो ग्रहों का एक-दूसरे के नजदीक आना।इस साल 2 चंद्र और 2 सूर्य ग्रहण होंगे, लेकिन भारत में सिर्फ एक चंद्र ग्रहण ही दिखेगा। अगस्त में गुरु-शुक्र का कंजंक्शन होगा तो गुरु के चार चंद्रमा भी दिखेंगे। नवंबर में शनि सिर्फ गोल प्लेनेट जैसा नजर आएगा, उसके रिंग नहीं दिखेंगे। ऐसा 15 साल बाद हो रहा है।
पहली और दूसरी घटना में दो चंद्र ग्रहण होगा।
पहला चंद्र ग्रहण
- तारीख : 14 मार्च, पूर्ण चंद्र ग्रहण
- कब से कब तक : भारतीय समय अनुसार सुबह 10.39 से दोपहर 2.18 बजे तक
- अवधि : 3 घंटे 27 मिनट
- कहां-कहां दिखेगा : अमेरिका, वेस्ट यूरोप, पेसिफिक, वेस्ट अफ्रीका में दिखाई देगा। भारत में नहीं दिखेगा
दूसरी चंद्र ग्रहण
- तारीख : 7 सितंबर, पूर्ण चंद्र ग्रहण
- कब से कब तक : भारतीय समय अनुसार रात 9.57 से शुरू होगा और रात 1.27 पर खत्म होगा
- अवधि : 3 घंटे 29 मिनट
- कहां-कहां दिखेगा : भारत, यूरोप, अफ्रीका, एशिया, ऑस्ट्रेलिया
तीसरी और चौथी घटना में दो सूर्य ग्रहण होंगे
पहला सूर्य ग्रहण
- तारीख: 29 मार्च, आंशिक सूर्य ग्रहण
- कब से कब तक : भारतीय समय अनुसार दोपहर 2.21 बजे से शुरू होगा और शाम 6.14 बजे खत्म होगा
- अवधि : 3 घंटे 53 मिनट
- कहां-कहां दिखेगा : नार्थ-वेस्ट अफ्रीका, यूरोप, नॉर्थ रूस
दूसरा सूर्य ग्रहण
- तारीख : 21 सितंबर, आंशिक सूर्य ग्रहण
- कब से कब तक : भारतीय
- समय अनुसार रात 11 बजे से शुरू होगा और रात 3.24 बजे खत्म होगा
- अवधि : 4 घंटे 24 मिनट
- कहां-कहां दिखेगा : साउथ पेसिफिक, न्यूजीलैंड, अंटार्कटिका
पाँचवीं, छठी और सातवीं घटना में तीन सुपरमून होगा
पहला सुपरमून
- तारीख : 7 अक्टूबर (शरद पूर्णिमा)
दूसरा सुपरमून
- तारीख : 5 नवंबर (कार्तिक पूर्णिमा)
तीसरा सुपरमून
- तारीख : 4 दिसंबर (अगहन पूर्णिमा)
इस साल कई ग्रह एक-दूसरे के पास आएंगे, जैसे शुक्र और शनि, गुरु और शुक्र, चंद्रमा और बुध, और चंद्रमा और शुक्र का कंजंक्शन होगा। इन कंजंक्शनों से मौसम में बदलाव हो सकते हैं। प्लैनेट कंजंक्शन तब होता है जब दो ग्रह पृथ्वी से देखने पर एक-दूसरे के बहुत करीब दिखाई देते हैं। हालांकि, वे वास्तव में एक-दूसरे से बहुत दूर होते हैं, बस पृथ्वी से देखने पर वे एक-दूसरे के पास दिखते हैं।
18 जनवरी शुक्र और शनि का कंजंक्शन
18 जनवरी की शाम सूर्यास्त के करीब 35 मिनट बाद दक्षिण-पश्चिम दिशा में शुक्र और शनि एक साथ दिखाई देंगे। शुक्र-शनि इस दौरान आधे डिग्री से भी कम दूरी पर दिखेंगे। दोनों ही ग्रह अन्य तारों से ज्यादा चमकीले दिखेंगे। शुक्र चमकदार सफेद दिखेगा, जबकि शनि शुक्र से थोड़ा कम चमकीला और थोड़ा सुनहरा दिखेगा। टेलिस्कोप से देखेंगे तो शनि की रिंग भी दिखाई देगी।
26 जून चंद्र और बुध का कंजंक्शन
26 जून को अमावस्या के बाद पहला दिन रहेगा। 26 जून की रात चंद्रमा हल्की पतली रेखा के रूप में दिखाई देगा। बुध सूर्य का सबसे करीबी ग्रह है, इस वजह से इसकी चमक काफी कम रहती है और इसे आसानी से पहचानना मुश्किल रहता है, लेकिन 26 जून की रात चंद्रमा के पास बुध को देख सकेंगे। बुध और चंद्रमा के बीच सिर्फ तीन डिग्री की दूरी रहेगी। सूर्यास्त के तुरंत बाद और रात होने से पहले पश्चिम दिशा में नीचे की ओर चंद्रमा के साथ बुथ दिखाई देगा। टेलिस्कोप से देखेंगे तो बुध और चंद्रमा को ठीक से देख पाएंगे।
12 अगस्त गुरु और शुक्र का कंजंक्शन
12 अगस्त की सुबह सूर्योदय से पहले पूर्व दिशा में दो सबसे चमकीले ग्रह गुरु और शुक्र दिखेंगे। इस दिन दोनों ग्रह एक-दूसरे के बहुत करीब रहेंगे। शुक्र सफेद और चमकीला दिखेगा, जबकि गुरु शुक्र की अपेक्षा थोड़ा कम चमकीला रहेगा, लेकिन सुनहरा दिखेगा।टेलिस्कोप से देखेंगे तो गुरु ग्रह अपने चार चंद्रमा के साथ दिखेगा। चारों चंद्रमा छोटे- छोटे सबसे डॉट्स की तरह दिखेंगे। गुरु ग्रह के बेडेड एटमॉस्फियर को भी आप देख पाएंगे।
19 सितंबर चंद्र और शुक्र का कंजंक्शन
19 सितंबर की सुबह सूर्योदय से करीब 45 मिनट पहले पूर्व दिशा में पतला अर्धचंद्र दिखेगा, चंद्र के साथ ही सफेद चमकदार शुक्र ग्रह भी दिखेगा।वैसे तो इन तीनों तारों को सामान्य आंखों से भी देख सकेंगे, लेकिन टेलिस्कोप से देखेंगे तो इन तीनों तारों को आसानी से पहचान पाएंगे।
8 नवंबर शनि के रिंग्स होंगे गायब
8 नवंबर की शाम दक्षिण दिशा में शनि दिखाई देगा, लेकिन इस बार शनि के साथ उसके रिंग्स नहीं दिखेंगे। हर 15 साल में ये दुर्लभ घटना होती है, जब शनि के साथ उसके रिंग्स नहीं दिखते हैं। इस दौरान शनि झुका हुआ रहेगा, जिससे शनि की रिंग्स बहुत पतली हो जाएंगी, जिन्हें आसानी से देखा नहीं जा सकेगा। टेलिस्कोप की मदद से शनि को देखेंगे तो शनि की पतली और हल्की सी रिंग्स दिखाई दे सकती हैं