देश के 6 करोड़ से ज्यादा कर्मचारी PF के दायरे में आते हैं। EPFO एक्ट के तहत कर्मचारी की बेसिक सैलरी प्लस DA का 12% PF अकाउंट में जाता है। कंपनी भी कर्मचारी की बेसिक सैलरी प्लस DA का 12% कॉन्ट्रीब्यूट करती है। कंपनी के 12% कॉन्ट्रीब्यूशन में से 3.67% PF अकाउंट में जाता है और बाकी 8.33% पेंशन स्कीम में जाता हैEPFO ने 24 जुलाई को ब्याज दरों से जुड़ा यह सर्कुलर जारी किया है।
1952 में 3% ब्याज से शुरुआत हुई थी
1952 में PF पर ब्याज दर केवल 3% थी। इसके बाद इसमें बढ़ोतरी होती गई। पहली बार 1972 में यह 6% के ऊपर पहुंची। 1984 में यह पहली बार 10% के ऊपर पहुंची। PF धारकों के लिए सबसे अच्छा समय 1989 से 1999 तक था।इस दौरान PF पर 12% ब्याज मिलता था। इसके बाद ब्याज दर में गिरावट आनी शुरू हो गई। 1999 के बाद ब्याज दर कभी भी 10% के करीब नहीं पहुंची। 2001 के बाद से यह 9.50% के नीचे ही रही है। पिछले सात सालों से यह 8.5% या उससे कम रही है।
यहां समझें PF पर अब कितना ज्यादा मिलेगा ब्याज
आपके PF अकाउंट में 31 मार्च 2023 तक कुल 5 लाख रुपए जमा हैं। ऐसे में अगर 8.10% की दर से ब्याज मिलता तो 5 लाख पर 40,500 रुपए ब्याज के रूप में मिलते। लेकिन अब ब्याज दर को बढ़ाकर 8.15% करने के बाद आपको 40,750 रुपए मिलेंगे।
फाइनेंशियल ईयर के आखिर में तय होती है ब्याज दर
PF में ब्याज दर के निर्णय के लिए सबसे पहले फाइनेंस इन्वेस्टमेंट एंड ऑडिट कमेटी की बैठक होती है। यह इस फाइनेंशियल ईयर में जमा हुए पैसों के बारे में हिसाब देती है। इसके बाद CBT की बैठक होती है। CBT के निर्णय के बाद वित्त मंत्रालय सहमति के बाद ब्याज दर लागू किया जाता है। ब्याज दर का निर्णय फाइनेंशियल ईयर के आखिर में होता है।