आधार कार्ड देख कर ही मिलेगी गरबा पंडालो में एंट्री

अमरावती- नवरात्रोत्सव के दौरान शहर में कई सार्वजनिक नवदुर्गोत्सव मंडलों के साथ ही निजी आयोजकों द्वारा गरबा एवं दांडिया उत्सव का आयोजन किया जाता है. जिसमें महिलाओं और युवतियों द्वारा बडी संख्या में हिस्सा लिया जाता है. साथ ही नागरिक अपने परिवार के साथ गरबा देखने एवं खेलने के लिए जाते है.

इन सभी बातो को ध्यान में रखकर इन आयोजनों में सुरक्षा को लेकर काफी कड़े और पुख्ता इंतजाम किये जाने की सख्त जरूरत होती है, ताकि कहीं पर भी महिलाओं व युवतियों के साथ छेडछाड जैसी कोई अप्रिय घटना न घटित हो. इस हेतु बहुत जरूरी है कि, गरबा पंडालों में आनेवाले हर एक व्यक्ति के लिए आधार कार्ड दिखाना अनिवार्य किया जाये और आधार कार्ड देखने के बाद ही लोगों को गरबा पंडाल में प्रवेश दिया जाये. इस का निर्देश अमरावती शहर पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह द्वारा जारी किया गया.

महिलाओं व युवतियों की सुरक्षितता का ध्यान रखकर निर्णय लिया

सीपी डॉ.आरती सिंह ने दि. 24 को अपने कार्यालय में गरबा उत्सव का आयोजन करनेवाले आयोजकों को बुलाकर उनके साथ चर्चा की. जिसमें उपरोक्त निर्देश देने के साथ ही सीपी डॉ. आरती सिंह ने कहा कि, विशेष तौर पर निजी व व्यवसायिक गरबा पंडालों में किसी के भी आने-जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं होता. ऐसे में कई बार इस तरह के आयोजनों में भीडभाड का फायदा उठाने के लिए कुछ असामाजिक तत्व भी घुस जाते है. जिनके द्वारा गरबा उत्सव में शामिल महिलाओं व युवतियों के साथ छेड़खानी भी की जाती है. ऐसी घटनाएं घटित न हो, इसकी पूरी जिम्मेदारी आयोजकों की होती है.

अत: अत्यंत आवश्यक हैं कि, निजी व व्यावसायिक गरबा उत्सव में आयोजकों द्वारा हर किसी को आधार कार्ड देखने के बाद ही गरबा पंडाल में प्रवेश दिया जाये साथ ही आयोजन स्थल के पूरे परिसर में सीसीटीवी कैमरों के द्वारा नजर रखी जाये. सीपी आरती सिंह के इस निर्णय का सभी गरबा उत्सव आयोजकों ने उत्साह से समर्थन किया. वही सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार अन्य जिलो में भी इस तरह आधार कार्ड दिखाकर ही प्रवेश दिए जाये इस निर्णय को ध्यान में रख कर ही नागिकोको प्रवेश दिये जा रहे है.

इसके साथ ही सीपी आरती सिंह ने यह भी कहा कि, गरबा उत्सव आयोजन स्थल के आसपास दुपहिया व चारपहिया वाहनों की पार्किंग हेतु पर्याप्त व समुचित व्यवस्था करनी होगी और पार्किंग स्थल सहित गरबा पंडाल में सुरक्षा रक्षकों की नियुक्ति भी आयोजकों को ही करनी होगी. इसके अलावा आयोजन स्थल पर जनरेटर की भी व्यवस्था पहले से तैयार रखनी होगी. क्योंकि गरबा उत्सव का आयोजन रात के समय ही होता है और यदि उत्सव के दौरान अचानक विद्युत आपूर्ति खंडित होती है, तो विद्युत व्यवस्था के लिए पर्यायी व्यवस्था पहले से होनी चाहिए.

सभी गरबा पंडालों में लगेंगे डेसिबल मीटर

इस बैठक में सीपी डॉ. आरती सिंह ने बताया कि, सभी गरबा पंडालों पर शहर पुलिस के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा कडाई के साथ नजर रखी जायेगी और गरबा उत्सव के दौरान डेसिबल मीटर से वहां पर बजनेवाले गीत-संगीत के आवाज का पैमाना गिना जायेगा. इस दौरान अगर कहीं पर भी आवाज का स्तर निर्धारित मानक से अधिक पाया गया, तो संबंधित आयोजकों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई भी की जायेगी. इसके अलावा सभी गरबा आयोजकों को सरकार एवं प्रशासन की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का भी कड़ाई के साथ पालन करना होगा.

 

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