मुंबई- महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने एक और जनहितैषी कदम उठाया है। अब राज्य में कागज़ी बॉन्ड की आवश्यकता पूरी तरह समाप्त कर दी गई है और आज से इलेक्ट्रॉनिक बॉन्ड (e-Bond) की सुविधा शुरू कर दी गई है। इस निर्णय से आयातकों और निर्यातकों को बड़ी राहत मिलने वाली है।
ई-बॉन्ड के फायदे :
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अब अलग-अलग कागज़ी बॉन्ड की जगह एक ही इलेक्ट्रॉनिक बॉन्ड से सभी प्रक्रिया पूरी की जा सकेगी।
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इसका उपयोग प्रोविजनल असेसमेंट, एक्सपोर्ट प्रमोशन स्कीम, वेयरहाउसिंग और बॉन्डेड वेयरहाउस मैन्युफैक्चरिंग आदि के लिए किया जा सकेगा।
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पूरी प्रक्रिया डिजिटल होगी – ICEGATE पोर्टल पर ई-बॉन्ड बनाना, NeSL के माध्यम से ई-स्टैम्पिंग व ई-हस्ताक्षर, और कस्टम अधिकारी की ऑनलाइन जांच।
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स्टाम्प शुल्क सहित सभी भुगतान अब ऑनलाइन होंगे। महाराष्ट्र स्टाम्प कानून के अनुसार तय ₹500 शुल्क भी ऑनलाइन जमा होगा, अब कागज़ी स्टाम्प की ज़रूरत नहीं।
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आधार आधारित ई-हस्ताक्षर से लेन-देन और भी सुरक्षित व पारदर्शी होगा।
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पूरी तरह पेपरलेस प्रक्रिया होने से यह ग्रीन गवर्नेंस की दिशा में बड़ा कदम है।
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रियल-टाइम जांच से फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी।
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पहले से जारी बॉन्ड में आवश्यक बदलाव या रकम बढ़ाना भी अब इलेक्ट्रॉनिक रूप से संभव होगा।
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इससे सीमाशुल्क प्रक्रियाएँ तेज़ होंगी, कारोबार आसान होगा और डिजिटल इंडिया व Ease of Doing Business को बढ़ावा मिलेगा।
आज से महाराष्ट्र में कारोबारियों के लिए नई डिजिटल सुविधा का आगाज़ हुआ है – अब बॉन्ड सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक रूप में ही मान्य होंगे।