निर्दलीय और गैर मान्यता प्राप्त दलों के उम्मीदवारों के लिए चुनाव आयोग ने जारी की 193 चुनाव चिह्नों की नई लिस्ट

 नई दिल्ली-  विधानसभा और लोकसभा चुनाइस बार के चुनाव में निर्दलीय और गैर मान्यता प्राप्त दलों के उम्मीदवारों के लिए चुनाव आयोग ने ‘चिह्न’ जारी किए हैं. इनमें वॉकिंग स्टिक (छड़ी), बेबी वॉकर, सुई, एयर कंडीशनर (एसी) और चूड़ियां शामिल हैं. एक तरफ मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्यीय दल अपने प्रतीकों परव लड़ते हैं तो दूसरी तरफ निर्दलीय और गैर-मान्यता प्राप्त दलों के उम्मीदवारों को समय-समय पर चुनाव पैनल के जरिए जारी सूची में से अपने प्रतीकों का चयन करना होता है. 15 मई को चुनाव आयोग ने 193 ‘मुक्त चिह्न’ की नई लिस्ट जारी की है.

चुनाव आयोग की तरफ से जारी मुक्त चिह्न में छड़ी, बेबी वॉकर, एयर कंडीशनर, गुब्बारा, चूड़ियां, व्हील बैरो, सीटी, खिड़की, ऊन, सुई, तरबूज, अखरोट, बटुआ, वायलिन, वैक्यूम क्लीनर और तुरही शामिल हैं. इस साल के अंत में मिजोरम, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान और तेलंगाना राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. इन राज्यों में मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल दिसंबर, 2023 से जनवरी, 2024 के बीच खत्म हो जाएगा.

खत्म हो रहा इन राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल

40 सदस्यीय मिजोरम विधानसभा का कार्यकाल 17 दिसंबर को समाप्त हो रहा है. छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश विधानसभाओं का कार्यकाल क्रमशः 3 जनवरी और 6 जनवरी को समाप्त हो रहा है. राजस्थान और तेलंगाना विधानसभाओं का कार्यकाल क्रमशः 14 जनवरी और 16 जनवरी को समाप्त हो रहा है. इन पांच राज्यों में एक साथ चुनाव होने से इस चरण में इंकार नहीं किया जा सकता है.

जम्मू-कश्मीर में चुनाव की संभावना

निर्धारित चुनावों के अलावा, इस साल केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में भी विधानसभा चुनाव होने की संभावना है. सूत्रों ने पहले कहा था कि जम्मू-कश्मीर में 2023 की गर्मियों में चुनाव हो सकते हैं और समय सुरक्षा परिदृश्य पर निर्भर करेगा. 1 जुलाई से 31 अगस्त तक 62 दिनों तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा के समापन के बाद, जम्मू-कश्मीर में चुनाव के लिए इस साल अक्टूबर में संभावित विंडो उपलब्ध हो सकती है.

आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश और ओडिशा की विधानसभाओं का कार्यकाल अलग-अलग तारीखों पर अगले साल जून में खत्म हो रहा है. आमतौर पर लोकसभा चुनाव अप्रैल-मई में होते हैं, इसलिए संभावना है कि तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव संसदीय प्रक्रिया के साथ-साथ कराए जा सकते हैं.

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