इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (Ind-Ra) की रिपोर्ट के अनुसार, कच्चे पाम तेल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के इंडोनेशिया के फैसले के बाद खाद्य तेलों की कीमतों में दो अंकों की बढ़ोतरी की जा सकती है।
आने वाले कुछ महीनों में सरसों समेत खाद्य तेलों के दाम में उछाल हो सकता है। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (Ind-Ra) की रिपोर्ट के अनुसार, भू-राजनीतिक तनाव और कच्चे पाम तेल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के इंडोनेशिया के फैसले के बाद जनवरी 2022 की तुलना में खाद्य तेलों की कीमतों में दो अंकों की बढ़ोतरी की जा सकती है।
वैश्विक बाजार होगा प्रभावित
रिपोर्ट में कहा गया है कि इंडोनेशिया के क्रूड पाम ऑयल का निर्याता 28 अप्रैल से बैन किया किया जा रहा है, जिस कारण इसका असर वैश्विक स्तर पर पड़ सकता है और इसकी कीमतों में बड़ी उछाल हो सकती है। वहीं भारत में पाम ऑयल के न पहुंचने पर सरसों समेत अन्य खाद्य तेलों पर इसका दबाव पड़ेगा और लोगों को इसके लिए ज्यादा कीमतें चुकानी पड़ सकती है।
दोहरें अंकों में होगी बढ़ोतरी
इंडोनेशिया के इस फैसले के बाद 2 मिलियन टन पाम तेल का निर्यात प्रभावित होगा, जो विश्व बाजार में हर महीने पाम ऑयल सप्लाई का 50 फीसद हिस्सा है। Ind-Ra की रिपोर्ट बताती है कि इससे भारत में खाद्य तेल का आधा हिस्सा प्रभावित होगा। इस कारण से खाद्य तेल के दामों में दोहरे अंकों में बढ़ोतरी होगी और बढ़ोतरी महीने दर महीने जारी रह सकती है।
इन तेलों की कीमतों में हो सकती है बढ़ोतरी
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इंडोनेशियाई पाम तेल के निर्यात पर प्रतिबंध के कारण आपूर्ति में कमी आने से निकट भविष्य में कीमतों में और तेजी आने की संभावना है। इसका सोयाबीन, मूंगफली जैसे अन्य तेलों की कीमतों पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा।