रेलवे कर्मचारियों को सरकार ने दिया झटका

नई दिल्ली-भारतीय रेलवे ने अपने 68 रेल मंडलों के लिए डीआरएम की नियुक्ति को लेकर एक नई गाइडलाइन को मंजूरी दे दी है। इसमें डीआरएम बनने वाले अधिकारियों की आयु सीमा भी तय कर दी है। नए नियमों डीआरएम बनने की आयु सीमा 52 वर्ष से कम करने का फैसला लिया गया है। इसी बीच रेलवे के वरिष्ठ अफसरों ने रेलवे बोर्ड के फैसले की आलोचना करना शुरू कर दिया है।

हाल ही में जारी हुए दिशा-निर्देशों में डीआरएम से जुड़े पात्रता में कुछ नए नियमों को शामिल किया गया है। इनमें यह भी शामिल है कि अधिकारियों को रेलवे/ रेलवे पीएसयू में न्यूनतम 15 वर्ष का करने का अनुभव होना चाहिए। हालांकि इसमें आयु सीमा में कोई छूट नहीं दी गई है। रेलवे बोर्ड ने डीआरएम चयन के लिए जिन अधिकारियों पर विचार किया जा रहा है। उनकी आयु उस रिक्ति वर्ष की पहली जनवरी को 52 वर्ष से कम होनी चाहिए। इसके लिए सिलेक्शन लिस्ट बनाई जा रही है। इसमें पिछली स्थिति को ही दोहराया गया है।

डीआरएम की नियुक्ति को उम्र

रेलवे के इस निर्णय पर रेलवे के अफसर विरोध कर रहे है। नाम न छापने के अनुरोध पर एक वरिष्ठ अफसर ने कहा कि डीआरएम की नियुक्ति को उम्र के आधार पर सीमित करना सही निर्णय नहीं है। इसमें छूट की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। रेलवे बोर्ड के इस फैसले से कई अफसरों का मनोबल गिरेगा। ऐसे में कई अनुभवी अधिकारियों को डीआरएम बनने का मौका नहीं मिल पाएगा। रेलवे के अन्य अधिकारियों का कहना है कि आज देश के रेल मंडल को ईमानदार अधिकारी की जरूरत है। इसकी कमाई हजारों-करोड़ रुपये में होती है। ऐसे में कोई भी गलत निर्णय रेलवे के लिए बड़ा झटका होता है। डीआरएम पद के लिए योग्य अधिकारियों को लगभग एक साल तक गहन प्रबंधन प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए, ताकि वे सभी प्रकार की चुनौतियों से निपटने में सक्षम हो सके, क्योंकि यह एक अत्यंत चुनौतीपूर्ण पद है।

दूसरी तरफ रेलवे विशेषज्ञों ने रेलवे बोर्ड के इस निर्णय का स्वागत किया है कि नए दिशानिर्देशों में डीआरएम के पद के लिए पात्र होने से पहले किसी अधिकारी के लिए रेलवे के साथ 15 वर्षों तक काम करना अनिवार्य कर दिया गया है, जबकि उनके अनुसार पिछले दिशा-निर्देशों में ऐसा नहीं था।

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