वर्धा – वैनगंगा-नळगंगा नदी जोड़ प्रकल्प से विदर्भ में हरित क्रांति आने के साथ ही यह भूमि सुजलाम सुफलाम होने वाली है. इस प्रकल्प का प्रारूप सरकार ने तैयार किया है. इस प्रकल्प को जल्द से जल्द मंजुरी प्रदान करने के लिए यवतमाल- वाशिम से सांसद भावनाताई गवली जी ने केंद्र सरकार व महाराष्ट्र सरकार को पत्र व्यवहार किये है. हाल ही प्रोजेक्ट के संदर्भ में सिंचाई विभाग ने संबंधित विभागों से जानकारी मांगी है. 88,575 करोड़ रुपये प्रोजेक्ट पर खर्च होंगे. विदर्भ के नागपुर, वर्धा, अमरावती, यवतमाल, अकोला व बुलढाना जिले की 3 लाख 71 हजार 277 हेक्टेयर जमीन सिंचाई क्षेत्र में आएगी.
पश्चिम विदर्भ के नागरिकों को जलकिल्लत से राहत मिलने के साथ औद्योगिक क्षेत्र को भी बढ़ावा मिलेगा. पर्यटन, मत्स्य, दुग्ध उत्पादन के साथ रोजगार के नये अवसर उपलब्ध होंगे. प्रोजेक्ट के कारण 109 गांव बाधित होंगे. इसमें से 26 गांव पूर्णतः तथा 83 गाव अशंतः बाधित होंगे के कारण 15,640 परिवार विस्थापित होंगे..
बुलढाना के मोताला तहसील तक बनेगी नहर
गोसीखुर्द से बुलढाना जिले के मोताला तहसील के नलगंगा तक 426.54 किमी की नहर बनाई जाएगी. नहर के समीप 40 जगह पानी संचय के लिये तालाब बनाने जाएंगे. इसके लिये 19,818 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जाने वाली है. पीड़ित गांवों का सामाजिक व आर्थिक सर्वे करने के निर्देश दिये गये। है. प्राजेक्ट के कारण 6 जिलों की लाखों एकड़ भूमि सिंचाई क्षेत्र में आने के कारण किसान आत्मह जिलों में नई हरित क्रांति की पहल होगी. पश्चिम विदर्भ के खारे पाणी क्षेत्र में मीठा पानी पहुंचने के कारण सूखे पानी से जून वाली है.
वैनगंगा- नलगंगा नदी जोड प्रोजेक्ट
- नागपुर, वर्धा, अमरावती. यवतमाल, अकोला, बुलढाना पर्यटन, मत्स्य पालन को मिलेगा बढ़ावा, रोजगार के नये अवसर
- कुल स्टोअरेज 40, 31 नये. और 6 पुराने तालाबों का विकास
- स्टोअरेज नागपुर में 13, वर्धा 10, अमरावती 8, यवतमाल 2, अकोला 4, एक लिंक कैनल, बुलढाना 2






