Lakshmi Puja Vidhi: 12 नवंबर के दिन घर-घर में लक्ष्मी जी पधारने वाली हैं। सभी पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ माता लक्ष्मी का स्वागत करने के लिए तैयार हैं। दिवाली के दिन इस बार पांच राजयोग मिलकर अद्भुत संयोग बना रहे हैं। इसलिए इस बार की दिवाली बेहद ही खास और लाभदायक मानी जा रही है। इसलिए इस बार दीपावली पर शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी का पूजन करना अति फलदायक साबित होगा। इसलिए आगे पढ़ें दीपावली के दिन माता लक्ष्मी के पूजन की सही व सटीक विधि और शुभ मुहूर्त-
दिवाली लक्ष्मी पूजन शुभ मुहूर्त
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: शाम 05 बजकर 40 मिनट-शाम 07 बजकर 35 मिनट तक
अवधि: 01 घंटा 53 मिनट
प्रदोष काल- 05:29 से 08:06 तक
वृषभ काल- 05:40 से 07:35 तक
लक्ष्मी पूजन विधि
दिवाली के दिन संध्या या रात्रि पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। ज्यादातर लोग इसी समय दिवाली पर पूजा करते हैं। इसलिए संध्या के समय स्नान आदि से निर्वित्त होकर पूजा स्थान को साफ करें और पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करें। अब एक लकड़ी की चौकी स्थापित करें और उस पर लाल रंग का साफ कपड़ा बिछाएं। अब मुट्ठी भर चावल या अनाज के ऊपर कलश स्थापित करें। कलश में पवित्र जल, फूल, एक सुपारी, अक्षत, इलायची और चांदी का सिक्का डालें। अब कलेश के मुख को पांच आम के पत्तों से ढक दें। इसके बाद माता लक्ष्मी और गणेश जी की नई मूर्ति स्थापित करें। प्रभु का जलाभिषेक करें फिर गंगाजल और पंचामृत से स्नान कराएं। इसके बाद दोबारा पवित्र जल से जलाभिषेक करें। साफ कपड़े से मूर्ति को पोछकर चौकी पर स्थापित कर दें।
अब गणेश जी को पीला चंदन और लक्ष्मी माता को लाल चंदन या कुमकुम का तिलक लगाएं साथ ही कलश पर भी तिलक लगाएं। अब प्रभु को फल, पान के पत्ते, फूल, मिठाई, इलायची, अक्षत, सुपारी अर्पित करें। गणेश जी को पीले फूलों की माला और लक्ष्मी माता को कमल गट्टे की माला पहनाएं। अब धूपबत्ती और घी का दीपक प्रज्वलित करें। गणेश जी को लड्डुओं का और मां लक्ष्मी को खीर का भोग लगाएं। पूरी श्रद्धा के साथ पहले भगवान श्री गणेश की आरती करें फिर उसके बाद माता लक्ष्मी और कुबेर जी की आरती गाएं। अंत में क्षमा प्रार्थना जरूर करें।