वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह की अमावस्या तिथि पर दीवाली का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करना शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, देवी लक्ष्मी की पूजा करने से धन में वृद्धि होती है। अब नया सप्ताह शुरू होने जा रहा है। इस सप्ताह में दीवाली (Diwali 2025), गोवर्धन पूजा, भाई दूज और छठ पूजा का पर्व मनाया जाएगा।
दीवाली पूजन विधि और साहित्य
पूजन सामग्री– पूजा के लिए मां लक्ष्मी और गणेश जी की प्रतिमा और कलावा अवश्य रखें।भगवानों के वस्त्र और शहद शामिल करें।गंगाजल, फूल, फूल माला, सिंदूर और पंचामृत।बताशे, इत्र, चौकी और लाल वस्त्र के साथ कलश। शंख, आसन, थाली, चांदी का सिक्का।कमल का फूल और हवन कुंड।हवन सामग्री, आम के पत्ते और प्रसादरोली, कुमकुम, अक्षत (चावल), पान।इस दौरान सुपारी, नारियल और मिट्टी के दीए संग रुई भी शामिल करें।
लक्ष्मी पूजा विधि -लक्ष्मी पूजन से पहले घर की साफ-सफाई का खास महत्व है, इसलिए सभी जगह गंगाजल का छिड़काव करें।घर के मुख्य दरवाजे पर रंगोली और तोरण द्वार बनाएं। अब लक्ष्मी पूजन के लिए सर्वप्रथम एक साफ चौकी पर लाल रंग का नया वस्त्र बिछाएं।अब चौकी पर लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति स्थापित करें और सजावट का सामान से चौकी सजाएं।माता लक्ष्मी और गणेश भगवान की मूर्ति को वस्त्र पहनाएं और इस दौरान देवी को चुनरी अवश्य अर्पित करें।अब साफ कलश में जल भरें और चौकी के पास रखें दें।प्रथम पूज्य देवता का नाम लेते हुए भगवानों को तिलक लगाएं ।लक्ष्मी-गणेश को फूल माला पहनाएं और ताजे फूल देवी को अर्पित करें। इस दौरान कमल का फूल चढ़ाना न भूलें।अब अक्षत, चांदी का सिक्का, फल और सभी मिठाई संग भोग अर्पित करें।यदि आपने किसी वस्तु या सोना-चांदी की खरीदारी की है, तो देवी लक्ष्मी के पास उसे रख दें।शुद्ध देसी घी से दीपक जलाएं और इसके साथ ही घर के कोने में रखने के लिए कम से कम 21 दिए भी इसके साथ जलाएं।अब भगवान गणेश जी आरती करें और गणेश चालीसा का पाठ भी करें देवी लक्ष्मी की आरती और मंत्रों का जाप करें।अब घर के सभी कोनों में दीपक रखें और तिजोरी में माता की पूजा में उपयोग किए फूल को रख दें।अंत में सुख-समृद्धि की कामना करते हुए पूजा में हुई भूल की क्षमा मांगे।
दीवाली 2025 डेट और शुभ मुहूर्त
कार्तिक माह की अमावस्या तिथि की शुरुआत- 20 अक्टूबर को 03 बजकर 44 मिनट पर
कार्तिक माह की अमावस्या तिथि का समापन- 21 अक्टूबर को 05 बजकर 54 पर
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त – शाम 7 बजकर 8 मिनट से रात 8 बजकर 18 मिनट तक
प्रदोष काल – शाम 5 बजकर 46 मिनट से रात 8 बजकर 18 मिनट तक
वृषभ काल – रात 7 बजकर 8 मिनट से रात 9 बजकर 3 मिनट तक
-कार्तिक माह की अमावस्या तिथि की शुरुआत- 20 अक्टूबर को 03 बजकर 44 मिनट पर
-कार्तिक माह की अमावस्या तिथि का समापन- 21 अक्टूबर को 05 बजकर 54 पर
गोवर्धन पूजा शुभ मूहर्त, विधि
गोवर्धन पूजा का पर्व 22 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
गोवर्धन पूजा शुभ मूहर्त– गोवर्धन पूजा प्रातःकाल मुहूर्त – सुबह 06 बजकर 26 मिनट से सुबह 08 बजकर 42 मिनट तक
गोवर्धन पूजा सायाह्न काल मुहूर्त – दोपहर 03 बजकर 29 मिनट से शाम 05 बजकर 44 मिनट तक
गोवर्धन पूजा विधि- गोवर्धन पूजा पर भगवान कृष्ण और गोवर्धन पर्वत की पूजा का विधान है। इसलिए सबसे पहले मुहूर्त के अनुसार आंगन में गाय के गोबर से गोवर्धन की आकृति बना लें।इसपर रोली और चावल रखें। अब पूजा के लिए महाराज के पास दीपक जलाएं।अब खीर-पूरी और बताशे सहित जल, दूध और केसर रखें। इसके बाद सभी के साथ मिलकर गोवर्धन की परिक्रमा करें।अंत में आरती करें और पूजा में हुई भूल की क्षमा मांग लें। मान्यता है कि इससे जीवन में सकारात्मकता आती हैं।
भाई दूज 2025 डेट और शुभ मुहूर्त
भाई दूज का पर्व 23 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि की शुरुआत- 22 अक्टूबर को रात 08 बजकर 16 मिनट पर
कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि का समापन- 23 अक्टूबर को रात 10 बजकर 46 मिनट पर
भाई दूज अपराह्न समय – दोपहर 1 बजकर 13 मिनट से दोपहर 3 बजकर 28 मिनट तक