दिव्यांग व्यक्तियों को मिलेगा सार्वजानिक लाइसेंस,परिवहन मंत्रालय की ओर से राज्य सरकारों को लिखित आदेश जारी

नई दिल्ली- केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि किन व्यक्तियों को वाहन चलाने से संबंधित लाइसेंस दिया जा सकेगा। इसके अतिरिक्त किसी भी राज्य सरकार या केंद्र शासित प्रदेश के माध्यम से लाइसेंस देने से इनकार किया जाता है, इसकी सूचना भी सीधे स्थानीय परिवहन आयुक्त को देनी होगी। इस बाबत केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्रालय की तरफ से भी केंद्र शासित प्रदेशों और राज्य सरकारों को लिखित आदेश जारी किए गए हैं।

दिव्यांगों को मुख्य धारा से जोड़ने की पहल

परिवहन मंत्रालय द्वारा इस बाबत मंत्रालय के निदेशक पीयूष जैन ने आदेश जारी किए हैं। आदेशों में यह बताया गया है कि केंद्र सरकार ने दिव्यांगों को मुख्य धारा से जोड़ने की पहल की है। इससे लाइसेंसधारक ई रिक्शा जैसे हल्के वाहनों को चला सकेंगे। इसकी मदद से इस श्रेणी के लिए रोजगार के अवसर खुलेंगे। जो प्रावधान किए गए हैं उसमें बताया गया है कि यदि किसी दिव्यांग व्यक्ति ने ई-रिक्शा लाइसेंस के लिए आवेदन किया है, तो देखने, सुनने, शरीर की हरकत, सभी अंगों का तालमेल, निर्णायक क्षमता और उपकरणों का सही से प्रयोग किया जाने का आकलन किया जाए।

इसके अतिरिक्त दिव्यांगों की आठ श्रेणी को भी तय किया है, जिसमें व्यक्ति को लाइसेंस देने पर विचार किया जा सकता है। उसमें बायां या दायां पैर, दोनों पैरों में से किसी भी हल्का प्रभाव जैसी स्थिति में लाइसेंस के लिए अनुमत किया जा सकता है। जबकि दोनों हाथों में खराबी होने पर, कदम छोटा होने की स्थिति में और कमर में कोई परेशानी होने मगर ई-रिक्शा चलाने पर ही विशेष परिस्थिति में लाइसेंस की अनुमति दी जा सकेगी।

केंद्र सरकार के वाहन अधिनियम 1983 में इन चालकों के लिए लाइसेंस देने का प्रावधान है। इसके तहत बैटरी आधारित तिपहिया और आम जनता को नजदीक की दूरी के लिए सार्वजनिक ई रिक्शा आदि की मंजूरी दी जाती है। इन पर केवल चार लोगों को चालीस किलोग्राम सामान ले जाने की अनुमति प्रदान की जाती है। ये लाइसेंस खासतौर पर दिव्यांग के लिए तैयार किए गए वाहनों के लिए ही दिए जाते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here