Delhi Mumbai Expressway – केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य को लेकर बड़ा अपडेट दिया है. उन्होंने हाल में रीवा जिले के बरसैता गांव में 2443.89 करोड़ रुपये लागत की कुल 204.81 किलोमीटर लंबी सात सड़क परियोजनाओं का लोकार्पण/शिलान्यास किया. यहीं पर केंद्रीय मंत्री गडकरी ने बताया कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का काम दिसंबर तक लगभग पूरा हो जाएगा.
यह देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है. इस हाइवे के बनने से दिल्ली से मुंबई का सफर सड़क मार्ग से केवल 12 घंटे में पूरा हो सकेगा. यह एक्सप्रेसवे दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के 8 बड़े शहरों को सीधे कनेक्ट करेगा. एक्सप्रेस-वे में एंट्री/एग्जिट सिर्फ एंटरचेंज पर ही मिलेगा. इस एक्सप्रेसवे पर कोई भी ब्रेकर नहीं होगा. स्पीड अधिकतम 120 किमी प्रति घंटा तय की गई है.
देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है
1,382 किलोमीटर लंबा दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है. यह हरियाणा के 3 जिले, राजस्थान के 7 जिले, एमपी के 3 जिले, गुजरात के 3 जिलों से गुजर रहा है. इस एक्सप्रेसवे के चालू हो जाने पर दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जयपुर, अजमेर, कोटा, उदयपुर, इंदौर, अहमदाबाद, सूरत और वडोदरा जैसे महत्वपूर्ण शहरों के बीच आवागमन सुविधाजनक हो जाएगा. 8 लेन दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे की आधारशिला केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 9 मार्च 2019 को रखी थी. एक्सप्रेसवे का सबसे ज्यादा हिस्सा गुजरात में (426 किमी) में आता है. फिर राजस्थान में 373 किमी, मध्यप्रदेश में 244 किमी, महाराष्ट्र में 171 किमी औरहरियाणा में 129 किमी हिस्सा आता है.
एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे में एंट्री लेते समय टोल नहीं कटेगा. जब आप हाईवे छोड़ेंगे तो टोल का भुगतान आपको करना होगा. एक्सप्रेस-वे पर जितना सफर करेंगे, उतना ही टोल आपको देना होगा. दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे का पहला सेक्शन वडोदरा और अंकलेश्वर के बीच खुलने की उम्मीद है. दूसरा हिस्सा दिल्ली-दौसा के बीच खुलेगा. दिल्ली वाले छोर की बात करें तो दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का एक हिस्सा दिल्ली में डीएनडी (DND) फ्लाईओवर से शुरू होगा. फिर शाहीन बाग, ओखला, कालिंदी कुंज, फरीदाबाद और वल्लभगढ़ से होकर गुजरेगा.
इस हिस्से का निर्माण कार्य अभी पूरा होना बाकी है. दूसरा हिस्सा हरियाणा में सोहना से खुलेगा, जहां पर एंट्री/एग्जिट प्वाइंट की सुविधा होगी. इस एक्सप्रेसवे के चालू हो जाने पर दिल्ली से दौसा दो घंटे में, जयपुर से मुंबई का सफर 10 घंटे में पूरा होगा. देश की पहली इलेक्ट्रिक लेन भी इसी एक्सप्रेसवे पर बनाई जानी है. फिलहल यह एक्सप्रेसवे 8 लेन का है जिसे भविष्य में जरूरत के हिसाब से 12 लेन का किया जा सकेगा.
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की भरपूर विशेषताए हैं.
इसमें आप 120 KM/घंटा की रफ्तार से गाड़ी दौड़ा सकेंगे. हाईवे पर हर 500 मीटर की दूरी पर सीसीटीवी कैमरों लगाए गए हैं. आने-जाने वाली गाड़ियों का रिकॉर्ड रहेगा. दिल्ली से लेकर वडोदरा तक पूरे हाईवे पर कहीं भी ब्रेकर नहीं आपको नहीं मिलेंगे. टोल का पैसा भी बाकी एक्सप्रेसवे से कम भुगतान करना होगा. हाईवे पर अंडरपास बनाए गए हैं ताकि जंगली जानवर सड़क पर ना आए. इसे काफी ऊंचा भी बनाया गया है. आवारा जानवरों को सड़क पर आने से रोकने के लिए दोनों ओर बैरिकेडिंग भी की गई है.
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की सबसे बड़ी खासियत यह है कि सड़क पर ही हेलिकॉप्टर की लैंडिंग हो सकेगी. इस हाईवे पर वाहनों के लिए 120 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार तय की गई है और जगह-जगह स्पीड डिस्प्ले लगाए गए हैं. तय स्पीड से ज्यादा गाड़ी चलाने पर ऑनलाइन चालान कटेगा. जुर्माना भी हाईवे पर ही वसूला जाएगा. बिना किसी तकनीकी खामी के गाड़ी को यात्री हाईवे पर नहीं रोक सकेंगे. एक्सप्रेसवे के किनारे बने रेस्ट एरिया में ही गाड़ी को रोकने की परमिशन होगी. दुर्घटना होने पर तुरंत मोबाइल वैन मदद के लिए पहुंचेगी.
दिल्ली-राजस्थान के बीच एक्सप्रेस-वे पर हिलालपुर, नूंह, खलीलपुर पलवल, काजिंजर नूंह, घाट संशाबाद, अलवर शीतल, पिनान व भांडरोज, डूंगरपुर और बड़ का पाड़ा सहित 9 इंटरचेंज बनाए गए हैं. मध्य प्रदेश की बात करें 8 इंटरचेंज बनाए जा रहे हैं. इन्हीं इंटरचेंज के जरिये मध्य प्रदेश की सड़कें जुड़ेंगी. रतलाम में धामनोद, रावटी, जावरा, नामली, मंदसौर में भानपुरा, गरोठ, सीतामऊ और झाबुआ में थांदला के पास इंटरचेंज बनाया जा रहे हैं.