महाराष्ट्र में बनेगा साइबर इंटेलिजेंस यूनिट

 

मुंबई- उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सूरजकुंड में चिंतन शिविर में जानकारी दी कि साइबर और वित्तीय अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए महाराष्ट्र में एक समर्पित साइबर खुफिया इकाई की स्थापना की जाएगी।केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हरियाणा के सूरजकुंड में देश भर के अलग अलग राज्यों के गृह मंत्रियों और पुलिस महानिदेशकों के दो दिवसीय चिंतन शिविर का आयोजन किया गया। इस बैठक को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी संबोधित किया।

बैठक में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि साइबर इंटेलिजेंस यूनिट एक समर्पित सिंगल प्लेटफॉर्म होगा। इसके जरिए साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए एक वैश्विक मॉडल तैयार किया जाएगा। इस प्लेटफॉर्म पर सरकारी और निजी बैंक, वित्तीय संस्थान, सोशल मीडिया संस्थान, नियामक निकाय, साइबर पुलिस, तकनीशियन सभी एकजुट होंगे और इससे एक गतिशील प्रतिक्रिया प्रणाली का निर्माण किया जाएगा।

इसके साथ ही इसमें आधुनिक तकनीक का ज्यादा इस्तेमाल होगा। हाल के दिनों में वित्तीय और साइबर अपराधों में काफी वृद्धि हुई है। अन्य अपराधों की तुलना में भविष्य में इन अपराधों की संख्या अधिक हो सकती है। इसके लिए यह संस्था पहले से ही तैयार रहेगी

चालान प्रणाली और एकल ऑनलाइन अदालत के कारण जनशक्ति की भी बचत होती है

सीसीटीएनएस में महाराष्ट्र ने उच्चतम गति से कार्यवाही पूरी की है। राज्य सरकार भी ‘एंबीज’ के माध्यम से काफी प्रगति कर रही है। 6 लाख से ज्यादा अपराधियों के बायोमेट्रिक रिकॉर्ड बनाए जा चुके हैं। इसे सीसीटीएनएस से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। इससे उन लोगों की पहचार करना और उन पर मुकदमा चलाना आसान हो जाएगा जो अपना नाम बदलने के बाद दूसरे राज्यों में फिर से अपराध करते हैं। सीसीटीवी नेटवर्क को साइबर पुलिस से जोड़ने से अपराधों की जांच में तेजी आएगी।

चालान प्रणाली और एकल ऑनलाइन अदालत के कारण जनशक्ति की भी बचत होती है। ऑनलाइन प्रशिक्षण प्रणाली प्रशिक्षण में तेजी ला रही है। राज्य में 20 हजार पुलिस भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी गई है और केंद्र सरकार को इसमें काफी मदद मिल रही है।

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