पेट्रोल-डीजल के मौजूदा दाम 90 डॉलर/बैरल के आधार पर तय हुए थे। फिर दाम 120 डॉलर तक गए। इसलिए कंपनियों का तर्क वाजिब था कि नुकसान हो रहा है। लेकिन फिर दाम नीचे आए और कंपनियां मुनाफे में आ गईं। वे नवंबर में ही दाम घटाने की स्थिति में थीं। अब तो कच्चा तेल 75 डॉलर के आसपास है। इस आधार पर पेट्रोल 18 रुपए/लीटर तक सस्ता कर सकते हैं।
कंपनियां 82% ज्यादा मुनाफा कमाएंगी
- ICICI सिक्योरिटीज की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि 31 दिसंबर को खत्म हुई तीसरी तिमाही में सभी 12 तेल और गैस कंपनियों को 66,100 करोड़ का मुनाफा हो सकता है, जो पिछली बार से 82% ज्यादा है।
- दिसंबर तिमाही में सभी तेल व गैस कंपनियों की शुद्ध आय चार गुना बढ़कर 31,200 करोड़ रुपए तक पहुंच सकती है। ब्रोकर फर्म के मुताबिक, तेल मार्केटिंग कंपनियों (OMC) का इस मुनाफे में सबसे ज्यादा योगदान है।
- रिफाइनरीज कंपनियों का ग्रॉस रिफाइनिंग मार्जिन (GRM) 10.5-12.4 डॉलर/बैरल है। लाभ बढ़ने की सबसे बड़ी वजह यही है।
- कंपनियों को उम्मीद है कि कच्चे तेल के दाम लंबे समय तक 73.5-74.1 डॉलर प्रति बैरल के आसपास ही रहेंगे यानी आगे भी मुनाफा दिख रहा है।
- 2022-23 की दूसरी तिमाही के दौरान तेल कंपनियों को सस्ता तेल बेचने से नुकसान हुआ था। इसका असर सभी कंपनियों के तिमाही नतीजों में देखने को मिला था, पर अब ये लाभ में हैं।
सरकारी कमाई का नया रिकॉर्ड बनने जा रहा है
- 30 सितंबर 22 तक पेट्रोल-डीजल पर लगे टैक्स से केंद्र को 3.57 लाख करोड़ की आय हुई। 2022-23 में कमाई 8 लाख करोड़ से ऊपर जाएगी, जो 2021-22 में 7.74 लाख करोड़ थी।
- राज्य सरकारें पेट्रोल-डीजल पर टैक्स से 2021-22 में 2.56 लाख करोड़ के मुकाबले 2022-23 में 44 हजार करोड़ (17%) ज्यादा कमाएंगी। अब तक 1.4 लाख करोड़ कमा चुकीं।
- पेट्रोल पर सबसे ज्यादा 29.12 रुपए/लीटर टैक्स आंध्र प्रदेश सरकार वसूलती है। उत्तराखंड में सबसे कम 13.14 रुपए/लीटर ही टैक्स लगता है। डीजल पर सर्वाधिक 20.66 रुपए/लीटर टैक्स तेलंगाना में और सबसे कम 11 रुपए/लीटर असम में लगता है।