नई दिल्ली-दुनियाभर में कोरोना संक्रमण ने अपना कहर बरपाया है। इसकी कई लहरों ने सैकड़ों लोगों की जान ली है। अब इस वक्त ब्रिटेन में कोरोना वायरस का नया वेरिएंट ‘एरिस’ तेजी से पैर पसार रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, एरिस ब्रिटेन में उम्रदराज लोगों के अस्पताल में भर्ती होने की वजह बन रहा है।
इस बीच 10 अगस्त (गुरुवार) को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भारत सहित दुनिया के विभिन्न हिस्सों में फैल रहे SARS-CoV-2 वायरस के EG.5 स्ट्रेन को ‘वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है। हालांकि डब्ल्यूएचओ ने कहा कि यह अन्य स्ट्रेन की तुलना में सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए यह अधिक खतरा पैदा नहीं करता है।
SARS-CoV-2 का EG.5 या Eris संस्करण पहली बार इस साल 17 फरवरी को रिपोर्ट किया गया था, और 19 जुलाई को निगरानी के तहत एक संस्करण (VUM) के रूप में नामित किया गया था।
वेरिएंट को मोटे तौर पर तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है:-
- वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट
- चिंता के वेरिएंट
- उच्च परिणाम वाले वेरिएंट
वेरिएंट एरिस के लक्षण कैसे हैं?
कोविड-19 के नए वेरिएंट EG.5.1 यानी एरिस के मामले यूके में बढ़े जरूर हैं, लेकिन अच्छी बात यह है कि इसके लक्षण फ्लू की तरह के ही हैं और हल्के हैं। एरिस के लक्षण भी काफी कुछ ओमिक्रॉन की तरह के ही हैं:-
- नाक बहना
- सिर दर्द
- हल्की या अधिक कमजोरी
- छींकें आना
- गले में खराश
क्या घातक है यह वेरिएंट?
यूएस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) के अनुसार, वीओआई को विशिष्ट आनुवंशिक मार्करों वाले वेरिएंट के रूप में परिभाषित किया गया है, यह उन परिवर्तनों से जुड़े हुआ हैं,जो बढ़ी हुई संक्रामकता शक्ति, प्राकृतिक संक्रमण या टीकाकरण के माध्यम से प्राप्त एंटीबॉडी द्वारा तटस्थता में कमी का कारण बन सकते हैं।
ईजी.5 ओमिक्रॉन सबवेरिएंट XBB.1.9.2 का वंशज है। यह स्पाइक प्रोटीन में एक अतिरिक्त उत्परिवर्तन करता है, जिसका उपयोग SARS-CoV-2 मूल सबवेरिएंट की तुलना में मानव कोशिकाओं में प्रवेश करने और संक्रमित करने के लिए करता है।