
नयी दिल्ली- नेत्रदान और कॉर्निया प्रत्यारोपण को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने मानव अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण (संशोधन) नियम, 2025 अधिसूचित किए हैं। नए नियमों के तहत कॉर्निया ट्रांसप्लांट केंद्रों में स्पेक्युलर माइक्रोस्कोप की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है, जिससे नेत्र प्रत्यारोपण सेवाओं का दायरा और सुलभता बढ़ेगी।देश में नेत्रदान और कॉर्निया प्रत्यारोपण सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने मानव अंग और ऊतक प्रत्यारोपण अधिनियम, 1994 के तहत मानव अंग और ऊतक प्रत्यारोपण (संशोधन) नियम, 2025 अधिसूचित कर दिए।आसान शब्दों में कहें तो यह माइक्रोस्कोप कॉर्निया की अंदरूनी परत की कोशिकाओं की संख्या, आकार और स्वास्थ्य की तस्वीर खींचता है। ये जानकारी डॉक्टर को यह तय करने में मदद करती है कि कोई कॉर्निया ट्रांसप्लांट के लिए उपयुक्त है या नहीं। यानी कॉर्निया प्रत्यारोपण से पहले दान की गई आंख की गुणवत्ता जांचने में काम आता है।
दूसरी ओर मंत्रालय का कहना है कि यह निर्णय विशेषज्ञों की सिफारिशों और विभिन्न हितधारकों से परामर्श के बाद लिया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि यह संशोधन राष्ट्रीय अंग प्रत्यारोपण कार्यक्रम को और मज़बूत करेगा और खासकर ग्रामीण व कस्बा के छोटे नेत्र केंद्रों के लिए राहत लेकर आएगा। अब इन केंद्रों को महंगे उपकरणों के बोझ से मुक्ति मिलेगी, जिससे देशभर में कॉर्निया प्रत्यारोपण आसान होगा।



