डिग्री ही नहीं, रोजगार भी दिलाएंगे कॉलेज और यूनिवर्सिटी

नई दिल्ली- उच्च शिक्षण संस्थान अब सिर्फ कौशल आधारित शिक्षा देकर अपनी जिम्मेदारी से मुंह नहीं मोड़ सकेंगे, बल्कि उन्हें इसकी पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए रोजगार के अवसर भी मुहैया कराने होंगे। देश भर के उच्च शिक्षण संस्थानों में शैक्षणिक शिक्षा के साथ कौशल आधारित शिक्षा देने को लेकर तैयार किए मसौदे में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने यह अहम सिफारिश की है।आयोग ने इसके तहत प्रत्येक संस्थानों से रोजगार मेले आयोजित करने और रोजगार के लिए छात्रों की काउंसिल करने जैसे सुझाव भी दिए है।
यूजीसी ने उच्च शिक्षण संस्थानों को शैक्षणिक शिक्षा के साथ कौशल आधारित शिक्षा देने को लेकर यह मसौदा तब जारी किया है, जब मौजूदा समय में इन संस्थानों से बीए, बीएससी जैसी शैक्षणिक शिक्षा लेने के बाद भी छात्रों को रोजगार के लिए भटकना होता है।

प्लेसमेंट सपोर्ट टीम गठित करने के निर्देश

फिलहाल जो मसौदा तैयार किया गया है, उनमें संस्थानों को कौशल आधारित शिक्षा के साथ ही इस बात की भी चिंता करनी होगी कि इस शिक्षा को हासिल करने के बाद छात्रों को रोजगार भी मिल जाए। इसके तहत उच्च शिक्षण संस्थानों से अपना एक जॉब पोर्टल और प्लेसमेंट सपोर्ट टीम गठित करने को कहा गया है।इसके साथ कौशल आधारित कोर्स व विषयों की पढ़ाई के बाद उससे जुड़े रोजगार देने वाले उद्योगों व क्षेत्रों की पहचान करने का भी सुझाव दिया है, जिसमें ऐसे उद्योगों की सूची तैयार करने, उनके साथ रोजगार व इंटर्नशिप को लेकर समझौते करने और संबंधों स्थापित करने के लिए एक सेल गठित करने को भी कहा है।

नई शिक्षा नीति के तहत की गई हैं सिफारिशें

यूजीसी ने कौशल आधारित शिक्षा के लिए तैयार मसौदे में किसी भी कोर्स की पढ़ाई के दौरान थ्योरी के साथ-साथ प्रैक्टिकल और इंटर्नशिप पर भी बड़ा फोकस किया है, जिसमें प्रत्येक संस्थानों से ऐसे उद्योगों की पहचान करने व संस्थानों से निकलने वाले छात्रों को इंटर्नशिप का मौका मुहैया कराने के लिए रोडमैप तैयार करने की सुझाव दिया है। युवाओं को कौशल आधारित शिक्षा देने की यह पहल नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सिफारिशों के तहत की गई है।

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