नई दिल्ली -आपने अपनी डेली लाइफ में अलग-अलग सिक्के जरूर देखें होंगे. इन सिक्कों की डिजाइन और बनावट अलग-अलग होती है, लेकिन क्या आप जानते हैं भारत में सिक्कों की ढ़लाई कहां होती है? आप सिक्कों की डिजाइन देखकर पाएंगे कि वह सिक्का कहां बना है? दरअसल भारत में सिक्कों की ढ़लाई, एसपीएमसीआईएल के स्वामित्व वाली चार टकसालों में होती है. जिसमें मुंबई, हैदराबाद, कोलकाता, नोएडा शामिल है. इन 4 जगहों पर भारतीय सिक्कों की ढ़लाई का काम किया जाता है.
हर टकसाल में बनने वाले सिक्कों की होती है अपनी पहचान
लेकिन क्या आप जानते हैं हर टकसाल में बनने वाले सिक्कों की अपनी पहचान होती है? इन सिक्के पर बने खास निशान को देखकर आप यह पता लगा सकते हैं कि वह सिक्का भारत के किस शहर में बना है. उदाहरण के लिए हैदराबाद में बने सिक्के पर एक सितारा बना होता है. जबकि नोएडा में बने सिक्के पर एक ‘सॉलिड डॉट’ होता है. वहीं, मुंबई में बने सिक्के पर ‘डायमंड’ का आकार होता है. इसके अलावा कोलकाता में बने सिक्के पर कोई खास चिह्न नहीं होता. साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम की धारा 38 के मुताबिक सिक्के सिर्फ भारतीय रिजर्व बैंक के जरिए जारी किए जाते हैं.
भारत में क्वाइनेज एक्ट 1906 के तहत सिक्कों को किया जाता है मिंट
बताते चलें कि भारत में क्वाइनेज एक्ट 1906 के तहत सिक्कों को मिंट किया जाता है. इस एक्ट के तहत ही भारत सरकार की तरफ से सिक्कों के उत्पादन और उसकी सप्लाई की जिम्मेदारी आरबीआई को दी गई है. आरबीआई इस मकसद के लिए साल भर का लक्ष्य तय करती है और भारत सरकार प्रोडक्शन का प्रोग्राम बनाती है.भारत सरकार धातुओं के मूल्य के आधार पर समय-समय पर विभिन्न धातुओं को उपयोग में लाती है. फिलहाल अधिकांश सिक्कों के निर्माण के लिए फेरिटिक स्टेनलेस स्टील (17% क्रोमियम और 83% आयरन) का उपयोग किया जा रहा है.