नागपुर- महाराष्ट्र विधान परिषद की कमान अब बीजेपी के युवा राम शिंदे के हाथ में होगी। विपक्ष ने उनके खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं उतारा। इस तरह से विधान परिषद और विधानसभा पर बीजेपी का शत प्रतिशत कब्जा हो जाएगा। हालांकि, शिंदे सेना के प्रमुख व उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपनी पार्टी के सदस्य को विधान परिषद का सभापति बनाने के लिए बीजेपी के सामने मजबूती से दावा किया था, परंतु बीजेपी के सामने उनकी एक न चली। अब आज (गुरुवार) को विधान परिषद में राम शिंदे के नाम का ऐलान होगा। उसके बाद राम शिंदे सभापति की कुर्सी पर विराजमान हो जाएंगे।
सिर्फ राम शिंदे ने भरा है नामांकन
बुधवार को विधान परिषद के सभापति के एकमात्र राम शिंदे ने नामांकन भरा। नामांकन दाखिल करते समय शिंदे के साथ मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एवं एनसीपी नेता अजित पवार, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले और पार्टी नेता चंद्रकांत पाटिल मौजूद थे। विधान परिषद में बहुमत का खेल महायूति के पक्ष में होने के कारण विपक्ष ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा। बताया जाता है कि महाविकास आघाडी की हुई बैठक में विधान परिषद में उम्मीदवार नहीं उतारने का निर्णय लिया था। बल्कि, उन्होंने उम्मीदवार नहीं उतारने के एवज में सरकार ने विधानसभा में विपक्ष पद देने की मांग की थी। वैसे, विधानसभा में विपक्ष का नेता पद बनने के लिए के कम से कम 29 विधायक होना चाहिए। विपक्ष के किसी भी दल के पास 29 विधायक नहीं है।
महायुति के 35, एमवीए के 17 सदस्य
करीब ढाई साल बाद महाराष्ट्र विधान परिषद को सभापति मिल रहा है। इस दरमियान उपसभापति नीलम गोहे ही सदन चला रही थी। अनुमान लगाया जा रहा था कि वे अगली सभापति बनेगी लेकिन ऐसा नहीं हो सका। वैसे, बहुमत का खेल बीजेपी के साथ है। महाराष्ट्र विधान परिषद की कुल 78 सीटें है जिसमें 26 सीटें खाली है। परिषद में बीजेपी के 19, अजित पवार की एनसीपी के 7, शिंदे सेना के 6 सदस्य है।
महायुति को 3 निर्दलीय सदस्यों का भी समर्थन हासिल है। ऐसे में महायुति के सदस्यों की संख्या 35 है। राज्यपाल की तरफ से 7 सदस्यों की नियुक्त से बीजेपी सदस्यों की संख्या बढ़ गई है। राज्यपाल की तरफ से नियुक्त 5 सदस्यों की जगह रिक्त है। महाविकास आघाड़ी में शिवसेना यूबीटी के 7, कांग्रेस के 7 और शरद पवार की एनसीपी के 3 सदस्य हैं। कुल मिलाकर विपक्ष के कुल 17 सदस्य हैं। ऐसे में महायुति के दोगुने सदस्य होने की वजह से चुनाव में एमवीए ने उम्मीदवार नहीं उतारा।
फडणवीस सरकार में कैबिनेट मंत्री थे
राम शिंदे को बीजेपी ने 8 जुलाई 2022 को विधान परिषद का सदस्य बनाया था। वे 2014-19 की फडणवीस सरकार में कैबिनेट मंत्री भी थे। हाल ही में हुए विधानसभा के चुनाव में शिंदे को बीजेपी कर्जत जामखेड विधानसभा से चुनाव लड़ाया था लेकिन शरद पवार की पार्टी एनसीपी के रोहित पवार से मामूली अंतर से हरा दिया था। 2019 के विधानसभा चुनाव में भी पवार ने शिंदे को हराया था।