सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर को आदेश दिया है कि जब तक मामले में सुनवाई पूरी नहीं हो जाती। स्पीकर कोई निर्णय नहीं लेंगे।कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में बेंच गठित की जाएगी। इस प्रक्रिया में समय लगेगा।
मुंबई- महाराष्ट्र में सियासी उठापटक के बीच शिंदे गुट को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे गुट के 16 विधायकों की अयोग्यता मामले में सुनवाई को फिलहाल टाल दिया है। कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में बेंच गठित की जाएगी। इस प्रक्रिया में समय लगेगा।
16 विधायकों को जारी किए गए थे नोटिस
दरअसल, शिवसेना में बगावत के बाद विधानसभा के डिप्टी स्पीकर ने 16 विधायकों को नोटिस जारी कर उनकी योग्यता पर सवाल खड़े किए थे। इस नोटिस के खिलाफ शिंदे गुट ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। इसी मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दोनों पक्षों को विधायकों की योग्यता-अयोग्यता मामले में किसी भी प्रकार की कार्रवाई से रोक दिया है।
महाराष्ट्र में शिव सेना के विधायकों को तोड़ने के बाद एकनाथ शिंदे गुट ने बड़ा दावा किया है। गुट के विधायक ने कहा है कि शिव सेना के 18 में से 12 सांसदों का उनके पास समर्थन है।
जलगांव जिले में अपने निर्वाचन क्षेत्र में पत्रकारों से बात करते हुए, शिंदे गुट के विधायक गुलाबराव पाटिल ने कहा कि शिंदे गुट पार्टी ही शिव सेना के सम्मान को फिर से बहाल करेगा। हमारे साथ 55 में से 40 विधायक हैं, और 18 में से 12 सांसद हमारे साथ आ रहे हैं। तो पार्टी किसकी है? मैं व्यक्तिगत रूप से चार सांसदों से मिला हूं। हमारे साथ 22 पूर्व विधायक भी हैं। ऐसे में शिव सेना हमारी ही होगी।
इसके पहले शिव सेना सांसद राहुल सेवाले ने उद्धव ठाकरे से यह अपील की है कि वह राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए एनडीए की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करें। इस समय शिंदे और उद्धव ठाकरे गुट के समर्थक अपने गुट को असली शिव सेना होने का दावा कर रहे हैं।
दल बदल से बचने के लिए दो तिहाई संख्या जरूरी
जिस तरह विधानसभा में शिंदे गुट को दल-बदल से बचने के लिए दो तिहाई विधायकों यानी 39 विधायकों की जरूरत थी, उसी तरह संसद में भी अगर लोक सभा सांसद उद्धव ठाकरे खिलाफ होते हैं, तो उन्होंने कम से कम 12 सांसदों के बगावत की जरूरत पड़ेगी। इसके बाद ही वह दल बदल कानून से बच पाएंगे। अब देखना यह है कि शिंदे गुट का दावा कितना सही है।