हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को चित्रगुप्त पूजा होती है. कायस्थ समाज के लोग भगवान चित्रगुप्त की पूजा करते हैं. चित्रगुप्त पूजा के अवसर पर लेखनी, बहीखाता, दवात आदि की भी पूजा करते हैं. चित्रगुप्त पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजन सामग्री, पूजा विधि और मंत्र क्या है?
कब है चित्रगुप्त पूजा 2023?
कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि का प्रारंभ: आज, मंगलवार, दोपहर 02 बजकर 36 मिनट से
कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि का समापन: कल, बुधवार, दोपहर 01 बजकर 47 मिनट पर
उदयातिथि के आधार पर चित्रगुप्त पूजा 15 नवंबर बुधवार को है.
चित्रगुप्त पूजा 2023 शुभ मुहूर्त
चित्रगुप्त पूजा का शुभ मुहूर्त: 15 नवंबर, सुबह 09:24 से दोपहर 01:26 बजे तक
अतिगंड योग: 15 नवंबर, प्रात:काल से दोपहर 12:08 बजे तक
सुकर्मा योग: 15 नवंबर, दोपहर 12:08 बजे से 16 नवंबर को सुबह 10:00 बजे तक
नक्षत्र: ज्येष्ठा, 15 नवंबर को प्रात:काल से अगले दिन 03:01 एएम तक
रवि योग: 16 नवंबर, 03:01 एएम से 06:44 एएम तक
चित्रगुप्त पूजा 2023 दिन का शुभ चौघड़िया मुहूर्त
चर-सामान्य मुहूर्त: 09:24 एएम से 10:45 एएम तक
लाभ-उन्नति मुहूर्त: 10:45 एएम से 12:05 पीएम तक
अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त: 12:05 पीएम से 01:26 पीएम त
चित्रगुप्त पूजा सामग्री
भगवान चित्रगुप्त की तस्वीर या मूर्ति, सफेद कागज, कलम, दवात, खाताबही, पीले वस्त्र, अक्षत्, फूल, माला, चंदन, कपूर, तुलसी के पत्ते, गंगाजल, शहद, धूप, दीप, नैवेद्य, मिठाई, फल, पान, सुपारी, तिल, पीली सरसों आदि.
चित्रगुप्त प्रार्थना मंत्र
मसिभाजनसंयुक्तं ध्यायेत्तं च महाबलम्।
लेखिनीपट्टिकाहस्तं चित्रगुप्तं नमाम्यहम्।।
चित्रगुप्त पूजा मंत्र
ओम श्री चित्रगुप्ताय नमः
चित्रगुप्त पूजा की सही विधि
शुभ मुहूर्त में पूजा स्थान पर पूर्व दिशा में एक चौक बना लें. वहां पर लकड़ी की एक चौकी रखें और उस पर चित्रगुप्त महाराज की मूर्ति या तस्वीर को स्थापित करें. उस पर नई कलम, दवात और खाताबही रखें. फिर पंचामृत से चित्रगुप्त महाराज का अभिषेक करें. फिर अक्षत्, फूल, माला, चंदन, वस्त्र, फल, धूप, दीप, नैवेद्य आदि चढ़ाएं. पूजा के समय मंत्र पढ़ें. कलम, खाताबही और दवात की भी पूजा करें.
अब आप खाताबही के पहले पन्ने पर स्वास्तिक बनाएं और श्री गणेशाय नम: लिख दें. फिर सफेद कागज पर ओम चित्रगुप्ताय नमः मंत्र को 11 बार लिखें. उस कागज को चित्रगुप्त महाराज के चरणों में रख दें. उसके बाद चित्रगुप्त जी की आरती करें. इसके बाद उनसे बिजनेस में उन्नति और परिवार में खुशहाली की प्रार्थना करें.
चित्रगुप्त पूजा का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चित्रगुप्त जी मनुष्यों के कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं, इस वजह से चित्रगुप्त पूजा के अवसर पर कलम, दवात, खाताबही की पूजा करने का विधान है. चित्रगुप्त जी की कृपा से बिजनेस में उन्नति होती है और बुद्धि, वाणी का प्रभाव बढ़ता है. दिवाली से चित्रगुप्त पूजा तक दो दिन कायस्थ समाज के लोग लेखा-जोखा नहीं करते हैं. लेखन कार्य बंद रहता है.