अब इंसानों की तरह ‘प्रेगनेंट’ होंगे रोबोट, देंगे बच्चों को जन्म, चीन तैयार कर रहा अनोखी टेक्नोलॉजी

अब वह दिन दूर नहीं जब रोबोट इंसानों की तरह बच्चे पैदा कर सकेंगे। जी हां, चीन की एक टेक्नोलॉजी कंपनी ने एक ऐसा रोबोट तैयार करने का दावा किया है जो एक महिला के जैसे गर्भ धारण कर बच्चे को जन्म देगा। चीन की Kaiwa Technology के फाउंडर और CEO झांग चीफेंग के अनुसार, यह ह्यूमनॉइड रोबोट एक कृत्रिम गर्भाशय से लैस होगा, जिसमें भ्रूण गर्भ से लेकर जन्म तक विकसित हो सकेगा।

इसकी कीमत 1 लाख युआन (करीब 14 हजार अमेरिकी डॉलर) से कम रखी जाएगी और यह अगले एक साल में बाजार में उपलब्ध हो सकता है।झांग ने बताया कि कृत्रिम गर्भाशय तकनीक अब पूरी तरह परिपक्व हो चुकी है, और इसे रोबोट के पेट में फिट कर इंसान और रोबोट के बीच ऐसा इंटरैक्शन संभव होगा जिससे भ्रूण का विकास हो सके। यह व्यवस्था इनक्यूबेटर से अलग होगी, जहां गर्भाशय में कृत्रिम एम्नियोटिक फ्लूड होगा और भ्रूण को नली के जरिए पोषण दिया जाएगा।

इन लोगों को होगा फायदा 

यह तकनीक खासतौर पर उन युवाओं के लिए बनाई जा रही है जो शादी नहीं करना चाहते या गर्भधारण की जैविक प्रक्रिया से बचना चाहते हैं। झांग के मुताबिक, यह प्रोजेक्ट जनसंख्या घटने की समस्या के समाधान के लिए शुरू किया है। कंपनी ने इस पर ग्वांगडोंग प्रांत के अधिकारियों के साथ फोरम आयोजित किए हैं और नैतिक व कानूनी पहलुओं पर नीति प्रस्ताव भी सौंपे हैं। 2015 में स्थापित Kaiwa Technology पहले भी कई सर्विस और रिसेप्शन रोबोट बना चुकी है।

चीन में बढ़ रहा बांझपन

चीन में बांझपन की दर 2007 में 11.9% से बढ़कर 2020 में 18% हो गई है। बीजिंग और शंघाई जैसे शहर अब आर्टिफिशियल इनसेमिनेशन और IVF को मेडिकल इंश्योरेंस के तहत कवर कर रहे हैं।2022 में, जियांग्सू प्रांत के सुजोउ इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी ने AI-आधारित ‘नैनी रोबोट’ विकसित किया था जो कृत्रिम गर्भाशय में भ्रूण की निगरानी और देखभाल करता था। हालांकि, चीन के कानून के अनुसार कृत्रिम गर्भाशय में मानव भ्रूण को दो हफ्ते से अधिक विकसित करना प्रतिबंधित है।

समर्थन और विरोध

झांग के इस प्रोजेक्ट का कई लोग समर्थन कर रहे हैं। कुछ लोगों ने इसे महिला के गर्भधारण के शारीरिक बोझ को खत्म करने वाला कदम बताया और कहा कि अगर कीमत किफायती रही तो वे तुरंत खरीदेंगे। वहीं, आलोचकों का कहना है कि यह मानव नैतिकता के खिलाफ है और मां से जुड़े बिना भ्रूण का जन्म ‘क्रूर’ होगा। अगर यह प्रोजेक्ट सफल होता है तो बांझपन से जूझ लोग भी संतान पैदा कर पाएंगे।

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