
शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली वितरण की निम्न व उच्च दबाव की लाइनों का जाल फैला हुआ है। कई बार पतंग उड़ाते समय या कटे हुए पतंग के बिजली की तारों या खंभों पर फंस जाने पर उसे निकालने के लिए डंडों, लोहे की चेन या पत्थरों का उपयोग किया जाता है। ऐसे में जीवित विद्युत तार के संपर्क में आने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
कई बार फंसे हुए पतंग की मांजा नीचे जमीन तक लटकती रहती है। ऐसी मांजा खींचकर पतंग निकालने के प्रयास में गंभीर विद्युत दुर्घटना हो सकती है। इसके अलावा, मांजा खींचते समय एक तार का दूसरी तार से घर्षण होने पर शॉर्ट सर्किट के कारण प्राणघातक हादसा होने की आशंका भी रहती है। इसलिए नागरिकों और बच्चों को बिजली लाइनों व विद्युत उपकरणों वाले क्षेत्रों के बजाय सुरक्षित और खुले मैदानों में पतंगोत्सव मनाना चाहिए।
अभिभावक रहें सतर्क :
अभिभावकों को चाहिए कि वे बच्चों को सुरक्षित तरीके से पतंग उड़ाने के बारे में मार्गदर्शन दें। बिजली प्रवाह वाली व्यवस्थाओं से दूर रहकर ही पतंगोत्सव मनाने पर जोर दें। पतंग के कारण कई दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हो चुकी हैं, और यवतमाल जिले की घटना अभी ताज़ा है। इसलिए सावधानी ही सुरक्षा है।
धातु-मिश्रित मांजा खतरनाक :
बाजार में उपलब्ध धातु-मिश्रित मांजा पर धातुयुक्त रसायनों की कोटिंग होती है, जिससे उसमें विद्युत प्रवाह हो सकता है। ऐसा मांजा बिजली की तार से अटकते ही विद्युत व्यवस्था में खराबी पैदा कर सकता है और संबंधित क्षेत्र की बिजली आपूर्ति बाधित हो सकती है। साथ ही, इस तरह की मांजा से दुर्घटनाओं की आशंका भी बनी रहती है।



