बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता बने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश

मुंबई- बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपांकर दत्ता ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। देश के मुख्य न्यायाधीश  डीवाई चंद्रचूड़  ने जस्टिस दीपांकर दत्ता को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई। जस्टिस दत्ता को पदोन्नत करके बॉम्बे हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया है।
केंद्रीय कानून मंत्रालय के न्याय विभाग ने रविवार को जस्टिस दीपांकर दत्ता के पदोन्नति की घोषणा करते हुए एक अधिसूचना जारी की थी। जस्टिस दीपांकर दत्ता के पद और गोपनीयता की शपथ लेने के बाद से देश की शीर्ष कोर्ट में न्यायाधीशों की संख्या बढ़ कर 28 हो गई है। सीजेआई समेत सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों के कुल स्वीकृत पदों की संख्या 34 है।

अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘भारत के संविधान के अनुच्छेद 124 के उपबंध (2) में प्राप्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, राष्ट्रपति बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपांकर दत्ता को भारत के सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त कर रहे हैं, और उनका कार्यालय पदभार ग्रहण करने की तिथि से प्रभावी होगा।’’ दत्ता इस साल 57 साल के हो गए और सुप्रीम कोर्ट में उनका कार्यकाल आठ फरवरी 2030 तक होगा। देश की शीर्ष कोर्ट में रिटायरमेंट की उम्र 65 वर्ष है।

जस्टिस दत्ता के नाम की सिफारिश पिछले साल सितंबर में तत्कालीन सीजेआई जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने की थी। अब जस्टिस संजय विजयकुमार गंगापुर वाला बॉम्बे हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश होंगे, जो जस्टिस दत्ता के बाद सबसे वरिष्ठ हैं।
प्रमोटेड कंटेंट
जस्टिस दत्ता को स्थायी न्यायाधीश के तौर पर कलकत्ता हाईकोर्ट में 22 जून 2006 को पदोन्नत किया गया था। इसके बाद 28 अप्रैल 2020 को उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया था। वह कलकत्ता हाईकोर्ट के दिवंगत न्यायाधीश जस्टिस सलिल कुमार दत्ता के बेटे हैं।

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