केंद्र का ने लिया बड़ा निर्णय, आरोग्य केंद्रों को अब ‘आयुष्मान आरोग्य मंदिर’ कहा जायेगा

नई दिल्ली– आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य एवं आरोग्य केंद्रों को अब ‘आयुष्मान आरोग्य मंदिर’ कहा जाएगा. केंद्र सरकार के फैसले के अनुसार इस साल के अंत तक इसे लागू कर दिया जाएगा. स्वास्थ्य मंत्रालय ने फैसले पर अमल के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र भी भेज दिया है. इसकी टैगलाइन भी बदलकर ‘आरोग्यम परमं धनम’ होगी. आदेश में कहा गया है कि टैगलाइन को राज्यों की भाषा में लिखा जाएगा.

‘आरोग्यम परमं धनम’

 राज्यों को आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य एवं आरोग्य केंद्र (एबी-एचडब्ल्यूसी) पोर्टल पर नये नाम वाले इन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की तस्वीरें अपलोड करने को कहा गया है. उन्होंने बताया कि पत्र में यह स्पष्ट किया गया कि नये नाम वाले केंद्रों पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का निशान (लोगो) यथावत रखा जाए. नये नाम वाले एबी-एचडब्ल्यूसी की नयी ‘टैगलाइन’ ‘आरोग्यम परमं धनम’ होगी.

केंद्र सरकार का फैसला

25 नवंबर को भेजे गये इस पत्र में मंत्रालय ने कहा, ‘ये केंद्र रुग्णता से आरोग्यता की ओर की सोच और स्वास्थ्य देखभाल प्रदायगी को ले जाने में सफल रहे हैं. अब एक कदम आगे बढ़ते हुए तथा आयुष्मान भारत के सपने को साकार करने के लिए सक्षम प्राधिकार ने आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य एवं आरोग्य केंद्रों का नाम बदलकर ‘आयुष्मान आरोग्य मंदिर’ करने का फैसला किया है, जिसकी टैगलाइन आरोग्यम परमं धनम’ होगी.’

नया नाम ‘आयुष्मान आरोग्य मंदिर’

पत्र में कहा गया है कि नया नाम ‘आयुष्मान आरोग्य मंदिर’ और टैगलाइन ‘आरोग्यम परमं धनम’ को सभी संचालित एबी-एचडब्ल्यूसी के वर्तमान नाम ‘आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र’ की जगह रखा जाए. पत्र के अनुसार यदि ब्रांडिंग के लिए देवनागरी (हिंदी)/अंग्रेजी के अलावा अन्य लिपियों का इस्तेमाल किया जाना हो तो उस नाम का राज्य की भाषाओं में सटीक अनुवाद किया जा सकता है, लेकिन टैगलाइन का राज्य की भाषाओं में लिप्यांतरण किया जाए.

219 करोड़ लोग करवा चुके हैं इलाज

पत्र में वर्तमान केंद्रों के नाम को बदलने के लिए प्रति केंद्र 3000 रुपये की धनराशि प्रस्तावित की गयी है. पत्र के अनुसार केंद्रों के नाम को बदलने का काम पूरा हो जाने के बाद एबी-एचडब्ल्यूसी पोर्टल पर नये नाम से उस केंद्र की तस्वीरें अपलोड की जाएं. भारत सरकार की महत्वकांक्षी आयुष्मान भारत योजना के तहत पिछले पांच वर्षों में राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में 1.6 लाख से अधिक एबी-एचडब्ल्यूसी सफलतापूर्वक स्थापित किये गये हैं. जहां अबतक 219 करोड़ लोग उपचार करवा चुके हैं. एबी-एचडब्ल्यूसी का लक्ष्य घर के समीप ही लोगों को मातृत्व एवं बाल स्वास्थ्य सेवाओं समेत समग्र प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल, मुफ्त जरूरी दवाइयां और जांच सुविधाएं प्रदान करना है.

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