अकोला-सीजन 2024-25 के दौरान सरकार की आधार मूल्य खरीद योजना के तहत सोयाबीन का पंजीकरण 1 अक्टूबर 2024 से शुरू हुआ था और उसकी अवधि 31 जनवरी को समाप्त होनी थी। हालांकि, पोर्टल पर पंजीकृत हजारों किसानों के माल की खरीदी लंबित है।
सैकड़ों किसानों की उपज खरीदी केंद्र पर पड़ी होने है। इसलिए राज्य सरकार ने केंद्रीय कृषि मंत्री से इसे बढ़ाने का अनुरोध किया था। जिसके बाद सहकारी विपणन एवं वस्त्र विभाग की अप्पर सचिव संगीता शेलके ने शुक्रवार 31 तारीख को समय सीमा बढ़ाने का पत्र जारी करते हुए चिंता में पड़ें किसानों को राहत दी है।राज्य सरकार ने पणन महासंघ को नोडल एजेंसी नियुक्त किया है, जिसके अनुसार जिले के 13 केंद्रों पर न्यूनतम आधार मूल्य योजना के तहत 4892 प्रति क्विंटल की गारंटी मूल्य पर सोयाबीन की खरीद की जा रही है।
1 अक्टूबर से खरीदी शुरू हुई, जिसका पंजीयन अवधि 31 दिसंबर को खत्म हुआ। आगे की मांग के अनुसार सोयाबीन खरीदी की समय सीमा 12 जनवरी तक बढ़ा दी गई। इस बीच खरीदी प्रक्रिया पूरी नहीं हुई, जिसके चलते अब सोयाबीन खरीदी 6 फरवरी तक की जाएगी, ऐसी जानकारी जिला मार्केटिंग अधिकारी ने दी है।
केंद्रों पर लगी वाहनों की कतारें
जिन किसानों ने सोयाबीन बेचने के लिए पंजीयन कराया है, उन्हें माल बेचने में भारी परेशानी का सामना करना पड रहा है। दूसरी ओर, खरीदे गए माल को गोदाम में रखने के लिए गोदाम पर्याप्त नहीं हैं। ऐसे में उस जगह पर गाड़ियों की कतारें लगी रहती हैं और गोदामों की संख्या बढ़ाने की भी जरूरत है।
दो लाख क्विंटल का लक्ष्य
डीएमओ कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार के आधार मूल्य के आधार पर नाफेड के माध्यम से जिले के लिए 20,000 मीट्रिक टन और दो लाख क्विंटल का बढ़ा हुआ लक्ष्य स्वीकृत किया है। बढ़े हुए लक्ष्य के मद्देनजर सभी पंजीकृत किसान ससेोयाबीन खरीदने को प्राथमिकता दी जाएगी।फरवरी तक की जाएगी, ऐसी जानकारी जिला मार्केटिंग अधिकारी ने दी है।
28,924 किसानों ने किया पंजीकरण
जिले के नाफेड खरीदी केंद्रों पर 31 जनवरी तक 210607.43 क्विंटल सोयाबीन की खरीदी की जा चुकी है। जिले के 28 हजार 924 किसानों ने 451867 क्विंटल सोयाबीन का पंजीयन कराया है।