अकोला- कपास का ऋतु प्रारम्भ हो चुका है। कपास की आवक भी मंडी में प्रारम्भ हो गई। है। जिससे अब कपास खरीदी जोर पकड़ने की आशा बढ़ी है। भारतीय कपास निगम लिमिटेड के सहायक महाप्रबंधक से प्राप्त जानकारी के अनुसार विदर्भ के अकोला, अमरावती, बुलढाणा, चंद्रपुर, नागपुर, वर्धा, वाशिम एवं यवतमाल इन जिलों में 33 कपास केन्द्र खोले गए है। सभी खरीद केन्द्रों पर वैध आधार क्रमांक के साथ किसानों का पंजीकरण प्रारम्भ हो गया है।
इस संदर्भ में भारतीय कपास निगम लिमिटेड ने किसानों से अपील की है कि वे पहले से ही सीसीआई तथा राज्य सरकार द्वारा संचालित कृषि उपज मंडी समिति में आवश्यक दस्तावेजों के साथ जाकर अपना पंजीकरण करवाएं ताकि वे अपनी फसल को आसानी से सीसीआई को बेच सके। किसानों को यदि किसी तरह की दिक्कत हो या कोई सहायता की आवश्यकता हो तो वे सीसीआई के अकोला शाखा कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।
बढ़ सकते हैं दाम
दो वर्ष पूर्व उच्च श्रेणी की कपास के दाम 10 हजार से ऊपर चले गए थे। इसलिए पिछले वर्ष जिले में सोयाबीन की तुलना में कपास की बुआई क्षेत्र में वृध्दि हुई थी, लेकिन दाम 10 हजार के आसपास जाकर रुक गए थे। इस बार सोयाबीन पर एलो मुजैक का हमला होने के कारण उत्पादकता में जो कमी आई है उसे कपास से पूरा करने का प्रयास किसान करेंगे। इसलिए संभवतः खुले बाजार में कपास के दाम बढ़ने की प्रतीक्षा किसान कर सकते हैं।
धागे की लम्बाई पर होगी दामों की निश्चिती
कपास की गुणवत्ता तथा उसके रेशे अर्थात धागे की लम्बाई कितनी है यह देखकर कपास के दाम तय किए जाते है। कम लम्बाई वाली कपास सीसीआई द्वारा न्यूनतम 6720 रुपए से लेकर 6970 रुपए जबकि लम्बे रेषेवाली कपास को 7020 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से निगम कपास खरीदारी कर रहा है।
अकोला जिले में अकोट ए तथा अकोट बी, बार्शिटाकली, चिखलगांव, हिवरखेड, मूर्तिजापुर एवं पारस इन 7 केन्द्रों पर सीसीआई की खरीदी प्रारम्भ हो चुकी है। कपास उत्पादक किसान इन केन्द्रों का लाभ उठाकर अग्रीम पंजीयन करवाएं ऐसी अपील सीसीआई की ओर से की गई है।