नई दिल्ली- मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतरिम बजट आज संसद में पेश किया गया। इस दौरान वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कई क्षेत्रों में सुधार की बात कही है। बजट में आर्थिक विकास पर जोर दिया गया है। इस अंतरिम बजट में रक्षा क्षेत्र को 6.2 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। बजट 2003-24 में ये 5.94 लाख करोड़ रुपये था। पिछले साल की तुलना में इसमें बढ़ोतरी की गई है। रक्षा उद्देश्यों के लिए डीप-टेक प्रौद्योगिकियों को मजबूत करने और ‘आत्मनिर्भरता’ में तेजी लाने के लिए एक नई योजना शुरू की जाएगी।
अंतरिम बजट में क्या रहा खास
अंतरिम बजट में रक्षा बजट में बढ़ोतरी की गई है। पिछले साल यह 5.94 लाख करोड़ रुपये था, जिसे बढ़ाकर अब 6.2 लाख करोड़ रुपये किया गया है। इसी के साथ ही डीप टेक तकनीकी को सुदृढ़ करने पर फोकस किया गया है। साथ ही आत्मनिर्भरता में तेजी लाने के लिए एक नई योजना शुरू की जाएगी। पिछले साल के रक्षा बजट के मुकाबले ये सिर्फ 27 हजार करोड़ ज्यादा है।
पिछले बजट में क्या था रक्षा के लिए खास
पिछले आम बजट में रक्षा क्षेत्र को 5.94 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। इसके साथ ही रक्षा पेंशन के लिए 1.38 लाख करोड़ रुपये बजट 2003-24 में आवंटित किए गए थे। आधुनिकीकरण और बुनियादी ढांचे के विकास से जुड़े पूंजीगत परिव्यय बढ़कर 1.62 लाख करोड़ रुपये हो गया था। वहीं नवाचार को और अधिक बढ़ावा देने के लिए आईडेक्स को 116 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। बीआरओ का पूंजीगत बजट बढ़ाकर पांच हजार करोड़ रुपये किया गया था। डीआरडीओ को 23,264 करोड़ रुपये आंवटित किए गए थे।
रक्षा बजट में कुछ खास बढ़ोतरी नहीं
देश के रक्षा बजट में पिछले तीन वर्षों में कुछ खास बढ़ोतरी नहीं हुई है। 2020 के आंकड़ों के मुताबिक सरकार जीडीपी का 2 प्रतिशत से ज्यादा डिफेंस पर खर्च कर रही थी, जो वित्त वर्ष 2023-24 में घटकर 1.9 प्रतिशत हो गया था। ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स 2022 के मुताबिक, सरकार रिसर्च और डेवलेपमेंट पर कुल जीडीपी का 0.7 प्रतिशत खर्च कर रही ही है। गौरतलब है कि रिसर्च एंड डेवलपमेंट के मामले में भारत विश्व में 53वें स्थान पर है।