नई दिल्ली- रियल एस्टेट सेक्टर में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (LTCG) के रेट दर में कटौती से ज्यादातर टैक्स पेयर्स को ‘‘ पर्याप्त कर बचत ’’ होने की उम्मीद है।बता दें कि बजट में लॉन्ग टर्म तक रखी गई हाउसिंग प्रॉपर्टी की बिक्री से कमाए गए कैपिटल गेन पर टैक्स की दरें कम कर दी गई हैं, लेकिन टैक्स पेयर्स को मिलने वाला ‘इंडेक्सेशन’ बेनिफिट हटा दिया गया है।रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एलटीसीजी को ‘इंडेक्सेशन’ बेनिफिट समेत 20 प्रतिशत से घटाकर बिना ‘इंडेक्सेशन’ के 12.5 प्रतिशत कर दिया गया है।
इंडेक्सेशन बेनिफिट हटने से क्या होगा ?
इंडेक्सेशन बेनिफिट हटने का मतलब है कि जब आप अपने कोई भी प्रॉपर्टी बेचते हैं, तो आप अपने कैपिटल गेन टैक्स को एडजस्ट करने के लिए महंगाई का दावा नहीं कर सकेंगे।नॉमिनल रियल एस्टेट रिटर्न आम तौर पर सालाना 12-16 प्रतिशत के आसपास है, जो इन्फ्लेशन से बहुत अधिक है।’’विभाग के अनुसार, ‘‘इन्फ्लेशन के लिए ‘इंडेक्सेशन’ चार से पांच प्रतिशत के आसपास है, जो संपत्ति को कितने समय के लिए अपने पास रखा गया उस अवधि पर निर्भर करता है। इसलिए, ऐसे टैक्स पेयर्स में से अधिकतर को पर्याप्त टैक्स बचत की उम्मीद है।’’
अचल संपत्ति की अवधि के आधार पर बेफिट्स की तुलना करते हुए आयकर विभाग ने कहा कि बिना ‘इंडेक्सेशन’ के नई कर दर अधिकतर मामलों में फायदेमंद है।
नयी व्यवस्था से किन्हें होगा फायदा ?
पांच वर्षों तक रखी गई संपत्ति के लिए नई व्यवस्था तब फायदेमद होगी जब प्रॉपर्टी की वैल्यू 1.7 गुना या उससे अधिक बढ़ गयी हो, जबकि 10 वर्षों तक रखी गई संपत्ति के लिए यह तब लाभकारी होगी जब मूल्य 2.4 गुना या उससे अधिक बढ़ गया हो। 2009-10 में खरीदी गई संपत्ति के लिए यदि मूल्य 4.9 गुना या उससे अधिक बढ़ गया है तो यह फायदेमंद होगा।’’इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कहा, ‘‘ इन उदाहरणों से स्पष्ट है कि केवल उन क्षेत्रों में, जहां रिटर्न कम है (करीब 9-11 प्रतिशत प्रति वर्ष से कम), वहां पहले की टैक्स रेट फायदेमन्द है, लेकिन रियल एस्टेट में इतना कम रिटर्न बहुत मुश्किल या दुर्लभ है।’’