नई दिल्ली –Budget 2023 संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2023 पेश किया। बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि, सरकार ने बजट में KYC Process (Know Your Customer) को आसान बनाने का लक्ष्य रखा है। आने वाले दिनों में सरकार KYC की प्रक्रिया आसान बनाएंगी। रिस्क आधार केवाईसी प्रोसेस होगी। वित्तमंत्री ने कहा कि, सरकार बैंकिंग कंपनीज एक्ट, RBI एक्ट, IFSC एक्ट में बदलाव करेगी।
यह प्रावधान भी लाया जाएगा कि, IFSC में खुले बैंकों का विदेशी बैंक अधिग्रहण कर सकेंगे। वित्तमंत्री ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि, KYC प्रोसेस को ‘one size fits all’ के अप्रोच के बजाय ‘रिस्क के आधार’ पर आसान किया जाएगा। फाइनेंशियल सेक्टर के नियामकों को इसके लिए प्रोत्साहित किया जाएगा कि, वो डिजिटल इंडिया की जरूरतों को पूरा करने के लिए KYC प्रोसेस डेवलप करें।
नेशनल डेटा गवर्नेंस पॉलिसी का ऐलान
क्या है National Data Governance Policy?
दुनिया के लिए डेटा एक बड़ी ताकत बन गई है। तमाम कंपनियां यूजर्स का डेटा हासिल करने की कोशिश करती हैं। इस डेटा का अच्छा बुरा दोनों इस्तेमाल हो सकता है। यूजर्स के डेटा की सुरक्षा के लिए सरकार National Data Governance Policy लाएगी। इस पॉलिसी का काम डेटा के यूज को मैनेज करना होगा।
KYC क्या होता है? (What is KYC?)
KYC या फिर Know Your Customer बैंक ग्राहकों के लिए एक अनिवार्य वेरिफिकेशन प्रोसेस है। बैंकिंग रेगुलेटर RBI ने देश में केवीआई के नियम लागू कर रखे हैं, ताकि अनैतिक गतिविधियों को रोका जा सके। RBI अनुसार, देश में कोई भी बिना KYC कराए हुए बैंक अकाउंट, ट्रेडिंग अकाउंट या फिर डीमैट अकाउंट नहीं खुलवा सकता है।
KYC के लिए जरूरी दस्तावेज क्या हैं?
– पासपोर्ट
– वोटर आईडी कार्ड
– ड्राइविंग लाइसेंस
– आधार कार्ड
– मनरेगा कार्ड
– पैन कार्ड ।