क्या आप जानते हैं ईंट बनाने में नमक का भी उपयोग किया जाता हैं,क्या हैं इसके पीछे का विज्ञान ?

ईंट में नमक- हर किसी का सपना होता है कि उसका एक शानदार सा घर हो, जिसमें वह अपने बीवी-बच्चों और परिवार के साथ खुशाली से रहे. लोग अपने बजट के हिसाब से अच्छे से अच्छा घर बनवाते हैं. एक घर बनाने के पीछे कई लोगों की मेहनत होती है. इसमें मिस्त्री, मजदूर से लेकर ईट के भट्ठों पर काम करने वाले मजदूर तक की मेहनत होती है.

घर बनाने के लिए सबसे जरुरी चीज होती है ईंट. जब भी कोई घर बनवाता है तो भट्ठों से ईट खरीदता है. सामान्य तौर पर ईंट बनाने का प्रोसेस बहुत ही आसान लगता है. मिट्टी की गारा बनाकर उसे ईंट के आकार में ढालकर कुछ दिन के लिए धूप में छोड़ दिया जाता है. उसके बाद चिमनी में आग जलाकर ईंट को पकाए जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं इस प्रोसेस में नमक भी इस्तेमाल होता है?

क्यों मिलाया जाता है नमक?

कोई नहीं सोच सकता कि खाने को स्वादिष्ट बनाने के लिए उपयोग किये जाने  वाला नमक ईट बनाने में भी काम आ सकता है. जी हां, भले ही आपको सुनने में यह थोड़ा अटपटा लग रहा हो, लेकिन कुछ भट्ठा मालिक थोड़े से लालच के लिए ईंट बनाने के प्रोसेस में नमक का भी उपयोग करते हैं.

जल्दी घुल जाती है मिट्टी

मिट्टी से ईद बनाने के लिए सबसे पहले मिट्टी को घोलना पड़ता है. सामान्य प्रोसेस से मिट्टी को घोलने में थोड़ा समय लगता है, लेकिन अगर उसमें नमक मिला दिया जाए तो वह बहुत जल्दी घुल जाती है. कुछ भट्ठा मालिक लालच में आकर ऐसा करते हैं, लेकिन इसे की तरह के नुकसान होते हैं.

इससे फायदा है या नुकसान?

यह नमक ईंट बनाने वाले मजदूरों को बीमारियों से ग्रस्त कर सकता है. इससे मिट्टी को घोलने (गारा बनाने) वाले मजदूरों के हाथ-पैर गलने लगते है. वो कई तरह के त्वचा रोगों की चपेट में आ जाते हैं. इतना ही नहीं, इससे मकान बनाने वाले को भी नुकसान होता है. नमक मिली मिट्टी से बनी ईंट से नींव भी कमजोर होती है और इनपर हुआ पलस्तर भी बहुत जल्दी गिरने लगता है.

भट्ठा मालिक का लालच

भट्ठा मालिक लालच में आकर इमारतों की बुनियाद और मजदूरों की जिंदगी को खतरे में डाल देते हैं. हालांकि, यह गैर कानूनी होता है. संबंधित विभाग इसकी बिल्कुल इजाजत नहीं देता है. लेकिन फिर भी कुछ लालची लोग इस हरकत से बाज नहीं आते हैं.

मिट्टी को जल्द तैयार करने के लिए ज्यादा मजदूरों की आवश्यकता होती है. ऐसे में मजदूरी बचाने के लिए भट्ठा मालिक मिट्टी में नमक मिलवाते हैं. मजदूर इस मिट्टी को अपने पैरों और हाथों से गूंथकर गाद बनाते हैं. ऐसे में मिट्टी में मिला नमक मजदूरों के पैरों व हाथों को बहुत नुकसान पहुंचाता है.

नमकयुक्त ईंट से होने वाले नुकसान

विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसी ईंटों से बने भवन की आयु कम हो जाती है. इन ईंटों से बनी इमारत का पलस्तर जल्दी गिरने लगता है. चूंकि सर्दी के मौसम में नमक से नमी पैदा होती है, इसलिए मकान में सीलन आने लगती है. इससे मकान में लगे सरियों और लोहे को भी काफी नुकसान पहुंचता है.

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