क्रिप्टोकरेंसी के इतिहास में पहली बार बिटकॉइन की कीमत पहुची1 लाख डॉलर पार

नई दिल्ली – दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की कीमत पहली बार 1 लाख डॉलर के पार निकल गई है। आज यानी 5 दिसंबर को बिटकॉइन 7% से ज्यादा बढ़कर रिकॉर्ड उच्च स्तर 102,585 डॉलर (86.91 लाख रुपए) पर पहुंच गया है। पिछले महीने डोनाल्ड ट्रम्प की अमेरिकी चुनाव जीत के बाद बिटकॉइन में लगातार तेजी देखने को मिल रही है।बीते 1 साल में साल बिटकॉइन के प्राइस में 118% की बढ़ोतरी देखी गई है। एक साल पहले यानी 6 दिसंबर 2023 को ये 43,494 डॉलर (36.85 लाख रुपए) पर था, जो अब 102,585 डॉलर (86.91 लाख रुपए) पर पहुंच गया है।

आने वाले दिनों में भी बिटकॉइन की कीमत में तेजी देखने को मिल सकती है। भारत में क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर 30% टैक्स देना होगा। इसके अलावा क्रिप्टोकरेंसी से ट्रांजैक्शन करने पर 1% का TDS भी लगेगा। वहीं किसी को क्रिप्टोकरेंसी गिफ्ट करने पर भी 30% टैक्स चुकाना होता है।

डोनाल्ड ट्रम्प का कार्यकाल क्रिप्टोकरेंसी के लिए सकारात्मक

निवेशकों को अनुमान है कि दोबारा राष्ट्रपति चुने गए चुनाव डोनाल्ड ट्रम्प का कार्यकाल क्रिप्टोकरेंसी के लिए अमेरिकी विनियामक दृष्टिकोण से सकारात्मक साबित होगा। बिटकॉइन की कीमतें एशिया व्यापार में पहली बार 97,000 डॉलर से ऊपर पहुंच गईं।इस साल क्रिप्टोकरेंसी की कीमत दोगुनी से ज्यादा हो गई है और ट्रम्प के अगले अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में चुने जाने और कांग्रेस में क्रिप्टो समर्थक सांसदों के चुने जाने के बाद से दो हफ्तों में इसमें लगभग 40% की बढ़ोतरी हुई। आईजी मार्केट्स के विश्लेषक टोनी साइकैमोर ने कहा, “हालांकि यह अब पूरी तरह से ओवरबॉट क्षेत्र में है, लेकिन यह एक लाख डॉलर का स्तर पा कर सकता है।”

क्रिप्टोबाजार का हाल यहां जानें

बिटकॉइन 97,189 +2,810 +2.98%
इथेरियम 3,105.72 +25.72 +0.84%
एक्सआरपी 1.1082 +0.0027 +0.25%
सोलाना 238.14 +1.29 +0.54%
डॉजकॉइन 0.3822 +0.0059 +1.57%
कार्डानो 0.7842 -0.0266 -3.28%

 

क्या है क्रिप्टो करेंसी?

क्रिप्टो करेंसी ऑनलाइन भुगतान का एक तरीका है। इसका इस्तेमाल गुड्स और सर्विसेज का पेमेंट करने के लिए किया जाता है। क्रिप्टो करेंसी नेटवर्क बेस्ड डिजिटल करेंसी है। इसे कंपनी या इंडिविजुअल कोई भी टोकन के रूप में जारी कर सकता है। इन टोकन्स का यूज जारी करने वाली कंपनी के गुड्स और सर्विसेज खरीदने के लिए ही होता है।इसे किसी एक देश के करेंसी की तरह कंट्रोल नहीं किया जा सकता है।

इसका पूरा ऑपरेशन ऑनलाइन होता है, जिसके चलते इसमें उतार चढ़ावा होता रहता है। दुनिया की पहली क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को 2009 में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के तौर पर रिलीज किया गया था। इसे बनाने वाले ग्रुप को सातोशी नाकामोतो के नाम से जाना जाता है।

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