नई दिल्ली- Biggest Bank Frauds in India: अप्रैल से दिसंबर 2021 के बीच भारतीय बैंकों (Indian Banks) के साथ धड़ल्ले से धोखाधड़ी हुई। इन 9 महीनों में 27 अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने धोखाधड़ी के 96 मामले दर्ज किए हैं, जिसमें कुल 34,097 करोड़ रुपये शामिल हैं।
पीएनबी के साथ हुई सबसे ज्यादा धोखाधड़ी
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) की मानें तो आंकड़ों के अनुसार पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank) के साथ सबसे ज्यादा धोखाधडी हुई। पीएनबी (PNB) के साथ इस दौरान 4,820 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई। इसके बाद दूसरे नंबर पर बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India) आता है, जिसके साथ 13 धोखाधड़ी दर्ज हुई।
किन बैंकों के साथ हुआ फ्राड
- सबसे ऊपर है पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank)। पीएनबी के साथ धोखाधड़ी के 10 मामले दर्ज किए। इससेे बैंक को 4,820 करोड़ रुपये की चपत लगी।
- बैंक आफ इंडिया (Bank of India) के साथ धोखाधड़ी के 13 मामले दर्ज किए। इससेे बैंक को 3,925 करोड़ रुपये की चपत लगी।
- येस बैंक (Yes Bank) के साथ धोखाधड़ी के 11 मामले दर्ज किए। इससेे बैंक को 3,869 करोड़ रुपये की चपत लगी।
- स्टेट बैंक आफ इंडिया (State Bank of India) के साथ धोखाधड़ी के 08 मामले दर्ज किए। इससेे बैंक को 3,902 करोड़ रुपये की चपत लगी।
- कैनेरा बैंक (Canara Bank) के साथ धोखाधड़ी के 05 मामले दर्ज किए। इससेे बैंक को 2,658 करोड़ रुपये की चपत लगी।
संसद के बजट सत्र के दौरान राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड (Minister of State for Finance Bhagwat Karad) ने 100 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी का बैंकवार ब्यौरा दिया। ये अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और चुनिंदा वित्तीय संस्थानों द्वारा अप्रैल और दिसंबर के बीच रिपोर्ट किए गए थे।
आरबीआई द्वारा जारी मास्टर निर्देश धोखाधड़ी की स्थिति में धोखाधड़ी की रोकथाम, जल्दी पता लगाने, त्वरित रिपोर्टिंग और समय पर जवाबदेही प्रक्रियाओं की शुरुआत पर केंद्रित है।
मंत्री ने अपने जवाब में कहा कि मास्टर निर्देशों के अलावा जालसाजों और डिफॉल्टरों को रोकने के लिए कई उपाय किए गए हैं.
भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम क्या है
- भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम (Fugitive Economic Offenders Act), 2018 एक भगोड़े आर्थिक अपराधी की संपत्ति को कुर्क करने की अनुमति देता है। इस तरह की संपत्तियों को भी जब्त किया जा सकता है और अपराधी को किसी भी नागरिक दावे का बचाव करने से रोक दिया जा सकता है।
- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों को लुक आउट सर्कुलर जारी करने के लिए अनुरोध जारी करने का अधिकार दिया गया है।
- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक आरबीआई के निर्देशों और बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीतियों के आधार पर विलफुल डिफॉल्टरों की तस्वीरें प्रकाशित करने का निर्णय ले सकते हैं।
- PSB 50 करोड़ रुपये से अधिक की ऋण सुविधा प्राप्त करने वाली कंपनियों के प्रमोटरों या निदेशकों और अन्य अधिकृत हस्ताक्षरकर्ताओं के पासपोर्ट की प्रमाणित प्रतियां प्राप्त कर सकते हैं।
बैंकों से धोखाधड़ी मामले में महाराष्ट्र टॉप पर, अन्य राज्यों का हाल जानें
हर रोज किसी ना किसी माध्यम से बैंकों में धोखाधड़ी के मामले सुनने को मिलते रहते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हर रोज कितना धोखाधड़ी होता है। वहीं केंद्रीय बैंक की ओर से जारी हुए आंकड़ों अनुसार भारत के अलग-अलग राज्यों में बैंक धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं जिसमें महाराष्ट्र के बैंक धोखाधड़ी के मामले में नंबर एक पर रहा है।
इसके बाद दिल्ली, तेलंगाना, गुजरात और तमिलनाडु जैसे राज्य आते हैं। इन 5 राज्यों में ही दो लाख करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई, जो कुल धोखाधड़ी का करीब 83 फीसदी है। तो आइए जानते हैं किस राज्य के बैंकों में कितनी धोखाधड़ी का रिकॉर्ड है।
किस राज्य में ज्यादा धोखाधड़ी हुई?
भारत की आर्थिक राजधानी कही जाने वाली महाराष्ट्र धोखाधड़ी की सूची में सबसे ऊपर है। वहीं दूसरे नंबर पर देश की राजधानी दिल्ली है। बैंक की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक पिछले 7 सालों में हर दिन बैंकिंग धोखाधड़ी से कुल 100 करोड़ रुपये का नुकसान सरकार को हुआ है।
बैंकिंग धोखाधड़ी के मामलों में देश की आर्थिक राजधानी वाला राज्य मुंबई और महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा ऐसे मामले सामने आए हैं। केंद्रीय बैंक की ओर से जारी हुए आंकड़ों अनुसार एक अप्रैल 2015 से लेकर 31 दिसंबर 2021 तक सभी राज्यों में करीब 2.5 लाख करोड़ रुपये का धोखाधड़ी हुई है।
देश में पिछले कुछ सालों में बैंकिंग धोखाधड़ी के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। सरकार के कई प्रयासों के बाद भी देश में कुछ लोग जनता की मेहनत की कमाई हड़प रहे हैं। घोटाला करने वाले लोग बैंकों को चपत लगाकर हजारों करोड़ रुपये गटक रहे हैं। हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक ने सूचना जारी करते हुए बताया बैंक धोखाधड़ी के कारण पिछले कई सालों में सरकार को लाखों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
2.5 लाख मामले आए सामने
एक अप्रैल 2015 से दिसंबर 2021 के आंकड़ों मुताबिक अब तक देश में कुल 2.5 लाख धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं। वित्त वर्ष 2015 से 2016 तक 67,760 करोड़ मामले, वित्त वर्ष 2016-2017 में 59,966.4 करोड़, 2019-2020 में 27,698.4 करोड़ और 2020-2021 में 10,699.9 करोड़. वहीं चालू वित्त वर्ष 2021-2022 में 647.9 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है।
इन राज्यों में 83 फीसदी हुए घोटाले
आपको बता दें कि महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, तेलंगाना और तमिलनाडु वह राज्य है जिसमें देश में हुए कुल बैंक घोटालों में 83 प्रतिशत बैंक घोटाले सामने आए हैं। इस सभी राज्यों में पिछले 7 सालों में सबसे ज्यादा की बैंक धोखाधड़ी हुई है। यह देश में हुए कुल घोटालों का करीब 83 फीसदी है।